51 जोड़ों के साथ 11 ब्राह्मणों ने की महारुद्र की अभिषेक पूजा एवं भस्म आरती – श्रृंगार

पटना : ज्योतिर्विद आचार्य श्री आचार्य रुपेश पाठक द्वारा संचालित संस्था मनमानस जाग्रति फाउंडेशन के तत्वावधान में सोमवार को राजपुर पुल स्थित पटना हवेली में महारुद्र का रुद्राभिषेक किया गया। महारुद्र के रुद्राभिषेक कार्यक्रम का आयोजन श्रावण मास के चतुर्थ सोमवारी के शुभ अवसर पर संध्या बेला में 51 वेदी 51 जोड़ों के साथ किया गया। इस कार्यक्रम में बिहार के अलग – अलग जिलों से 51 लोगों का परिवार शामिल हुआ। बनारस से आए 11 ब्राह्मणों ने 51 जोड़ों के साथ महारुद्र का रुद्राभिषेक किया।

इस कार्यक्रम की आयोजनकर्ता अंकिता सिंह ने बताया कि इस रुद्राभिषेक कार्यक्रम का आयोजन लोगों को कोरोना जैसे महामारी व अन्य कष्टों से निजात दिलाने के लिए जनहित में किया गया है। वहीं ज्योतिर्विद आचार्य श्री आचार्य रुपेश पाठक ने बताया कि वैसे तो भगवान शिव भक्तों के सबसे सरल उपासना से भी प्रसन्न हो जाते हैं लेकिन रुद्राभिषेक उन्हें सबसे अधिक प्रिय है। भगवान शिव का रुद्राभिषेक बहुत प्रभावी और महत्वपूर्ण होता है, इसे शुद्ध मन से उचित समय पर किया जाना चाहिए। ऐसा करने से रुद्राभिषेक करने वाले की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। उन्होंने कहा कि सावन में महारुद्राभिषेक करना ज्यादा शुभ माना जाता है। महारुद्राभिषेक कोई भी कष्ट या ग्रहों कि पीड़ा दूर करने का सबसे उत्तम उपाय है।

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