आज से शुरू होगा संत आश्रम में अखंड पाठ
48 घंटे तक नहीं जलेगा चूल्हा,न ही खाएंगे नमक
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सन्त बाबा को करीब से जानने वाले संत आश्रम सुरक्षा निर्माण समिति के अध्यक्ष डोमन यादव ने बताया कि 2002 की रात को बाबा ने शरीर से प्राण त्यागा था तब से लेकर हर वर्ष बाबा की समाधि पर मेला पूजा-पाठ प्रवचन होता चला आ रहा है।उन्होंने बताया कि बाबा में चमत्कारी शक्ति थी।उन्होंने कभी भी किसी से सेवा नहीं लिया।खुले आसमान में छाते के नीचे वे रहते थे। आश्रम स्थित कुएं का पानी किसी अमृत से कम नहीं है। आज भी पानी का स्तर 15 फिट पर ही हैं। चाहे कितनी भी गर्मी पड़े पानी ठंडा व मीठा ही रहता है।ग्रामीणों का ऐसा मानना है कि सांप व बिच्छु काट लेने पर इस कुएं के पानी से स्नान करने व पीने मात्र से ही लोग ठीक हो जाते है। इस पूरे विधि के दरम्यान हुमाद व अगरबत्ती भी जलाया जाता है। डोमन गोप ने बताया कि बाबा को रामायण कंठस्थ याद रहता था। तीन दिनों तक रामायण का पाठ चलेगा।48 घंटे तक लोग मीठा भोजन करते है। बाबा की समाधि पर जाकर जो लोग सच्चे मन से कुछ मांगता है उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है।
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