31 जुलाई को बिहार को सूखाग्रस्त घोषित करने पर लिया जाएगा फैसला

पटना-बिहार सरकार औसत से कम वर्षा की स्थिति जारी रहने पर 31 जुलाई को राज्य को सूखाग्रस्त घोषित करेगी। बिहार विधानसभा में आज सुबह नौ से 11 बजे तक ‘राज्य में सुखाड़ के कारण उत्पन्न स्थिति’ पर विशेष विमर्श के बाद सरकार की ओर से जवाब देते हुए कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि एक-दो दिनों में औसत वर्षा नहीं हुई तो राज्य को सूखाग्रस्त घोषित किया जायेगा । उन्होंने कहा कि 31 जुलाई को उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गयी है जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्थिति की समीक्षा करेंगे और जरूरत हुई तो मुख्यमंत्री उसी दिन सुखाड़ की घोषणा भी कर देंगे। कुमार ने कहा कि जून से अगस्त तक सामान्य से 50 प्रतिशत कम वर्षा होने और खरीफ फसल का आच्छादन 50 प्रतिशत से कम होने पर केन्द्र सरकार और सवोर्च्च न्यायालय के दिशा-निदेर्श के अनुसार राज्य सरकार संबंधित क्षेत्र को सूखाग्रस्त घोषित कर सकती है। उन्होंने कहा कि अभी तक राज्य में सामान्य से कम वर्षा हुई है और इसके मद्देनजर सूखा से निपटने की तैयारी शुरू कर दी गयी है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में लगातार बैठक हो रही है। कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य में मौसम बदल रहा है। कल रात बक्सर, जहानाबाद और बेतिया में अच्छी वर्षा हुई है। सरकार स्थिति पर नजर रखे हुए है और वह परिस्थितियों के अनुसार इस संबंध में निर्णय लेगी। वैसे सरकार ने सुखाड़ से मुकाबला करने के लिए तैयारी कर ली है। उन्होंने कहा कि किसानों को डीजल अनुदान सीधे ऑनलाईन खाते में दिया जा रहा है। अब तक 1194 किसानों के खाते में राशि दे दी गयी है। कुमार ने कहा कि इसके लिए बीस हजार 82 किसानों के आवेदन मिले हैं। मंत्रिमंडल ने आकस्मिक निधि से डीजल अनुदान के लिए 60 करोड़ रुपये और वैकल्पिक खेती के लिए 15 करोड़ रुपये की स्वीकृति दे दी है। आवश्यकता हुई तो डीजल अनुदान के लिए 100 करोड़ रुपये भी दिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि बटाईदार को डीजल अनुदान नहीं देने की बात कह कर विपक्ष उन्हें गुमराह कर रहा है। वास्तविकता है कि रैयत और गैर रैयत दोनों को डीजल अनुदान मिलेगा। कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार वैकल्पिक खेती के लिए किसानों को नि:शुल्क बीज उपलब्ध करायेगी । जिस इलाके में जिस तरह के बीज की आवश्यकता होगी वह उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाके में बिजली की उपलब्धता बढ़ाने, बिजली दर में कटौती करने और खराब ट्रांसफर्मरों को 48 घंटे के अंदर बदलने का निदेर्श दिया गया है। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सदस्य सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए सदन के बीच में आ गये । शोरगुल और नारेबाजी के बीच कृषि मंत्री ने कहा कि वाणसागर और सोन नहर से सिंचाई के लिए पानी मिल रहा है। वाणसागर से 6० हजार 987 क्यूसेक और सोन नहर से 3० हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है । वहीं, राज्य के 1० हजार 942 नलकूपों में से चार हजार 955 नलकूप काम कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में 2० से 22 घंटे बिजली आपूर्ति करने का निर्णय लिया गया है । मंत्री के जवाब से असंतुष्ट राजद सदस्य कुछ देर तक नारेबाजी करने के बाद सदन से बहिर्गमन कर गये। कुमार ने कहा कि कल विधानमंडल का मानसून सत्र समाप्त होने के बाद सभी मंत्री, विधायक और अधिकारी गांव-गांव जायेंगे तथा किसानों की समस्याओं को सुनेंगे और उसका जल्द से जल्द निपटारा करेंगे। सभी मंत्री, विधायक और अधिकारी सरकार की योजनाओं के संबंध में लोगों को जानकारी देंगे तथा उसका लाभ दिलायेंगे । उन्होंने कहा कि बिहार को केन्द्र सरकार से पूरा सहयोग मिल रहा है । विशेष पैकेज के तहत सहायता राशि भी मिल रही है । इससे पूर्व नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि पूरे बिहार में सूखे की स्थिति है और इसके कारण किसानों की हालत बहुत खराब है लेकिन सरकार कुसीर् बचाने में लगी है । सरकार को जल्द से जल्द बिहार में सुखाड़ घोषित करना चाहिए और किसानों के ऋण को माफ करना चाहिए । उन्होंने किसानों को हुए नुकसान की भरपाई करने, नि:शुल्क बिजली, बीज, खाद, कीटनाशक उपलब्ध कराने और खराब नलकूपों की मरम्मत कराने की भी मांग की । यादव ने कहा कि किसानों को बचाने की जिम्मेदारी सरकार की होती है। राज्य सरकार ने बाढ़ और सुखाड़ को लेकर कोई तैयारी नहीं की जबकि उसे इसकी पूर्व में ही जानकारी हो जाती है। सरकार की ओर से मदद नहीं मिलने के कारण किसानों की स्थिति हर दिन बदतर होती जा रही है। किसानों को डीजल की अनुदान राशि एक महीने पहले ही दे देनी चाहिए थी लेकिन उसकी नींद एक महीने बाद खुल रही है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बिहार में अब तक केवल 10 हजार किसानों का ही रजिस्ट्रेशन हो पाया है। सारे नलकूप, खराब पड़े हैं। मध्यप्रदेश सरकार से समझौते के तहत अभी तब वाण सागर से बिहार

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