पटना। डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम 2015 के तहत द्वितीय अपील में शिकायतों की सुनवाई की और उसका निवारण किया। लोक शिकायत निवारण में संवेदनहीनता एवं अरूचि प्रदर्शित करने के आरोप में एक लोक प्राधिकार के विरुद्ध अर्थदंड अध्यारोपित किया गया।
डीएम डॉ सिंह द्वारा लोक शिकायत के कुल 10 मामलों की सुनवाई की जिसमें 4 मामलों का निवारण किया गया तथा 6 मामलों में अंतरिम आदेश पारित किया गया। एक मामले में लापरवाही बरतने के कारण लोक प्राधिकार के विरूद्ध अर्थदंड लगाया गया। अंचल अधिकारीए पटना सदर के विरुद्ध दो हजार पाँच सौ का दंड लगाया गया। अपीलार्थी राकेश सुमन द्वारा 22 सितम्बर 2021 को अनुमण्डलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी पटना सिटी के समक्ष वाद दायर किया गया था।
यह परिवाद राजस्व रसीद के सुधार के संबंध में अंचल अधिकारी पटना सदर द्वारा कार्रवाई नहीं करने के संबंध में है। आवेदक द्वारा अपर समाहत्र्ता, लोक शिकायत निवारण के समक्ष प्रथम अपील में वाद दायर किया गया। अपर समाहत्र्ता, लोक शिकायत निवारण द्वारा दिये गये निदेश के बावजूद लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी, पटना सदर द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। वे सुनवाई की निर्धारित विभिन्न तिथियों को न ही प्रथम अपीलीय प्राधिकार के समक्ष उपस्थित हुए और न ही उन्के द्वारा कोई प्रतिवेदन समर्पित किया गया।
प्रथम अपीलीय प्राधिकार की प्रतिकूल टिप्पणी तथा असंतोषजनक प्रतिवेदन के आलोक में जिलाधिकारी द्वारा लोक प्राधिकार अंचलाधिकारी पटना सदर के विरूद्ध 2500रूपया का अर्थदंड लगाया गया। साथ ही उन्हें अगली सुनवाई की तिथि 16 दिसम्बर 2022 के पूर्व परिवादी के शिकायत का निवारण कर प्रतिवेदन समर्पित करने का निदेश दिया गया। डीएम डॉ सिंह ने कहा कि लोक शिकायतों तथा सरकारी सेवक के शिकायतों का ससमय एवं गुणवत्तापूर्ण निवारण अत्यावश्यक है। लोक प्राधिकारों को संवेदनशीलता एवं तत्परता प्रदर्शित करनी होगी।