श्री गणेशाय नम:
मकर संक्रांति २०२०
मकर संक्रान्ति हिन्दुओं का प्रमुख पर्व है। मकर संक्रान्ति पूरे भारत और नेपाल में किसी न किसी रूप में मनाया जाता है। पौष मास में जब सूर्य मकर राशि पर आता है तभी इस पर्व को मनाया जाता है। वर्तमान शताब्दी में यह त्योहार जनवरी माह के चौदहवें या पन्द्रहवें दिन ही पड़ता है, इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़ मकर राशि में प्रवेश करता है।
साल 2020 मकर संक्रांति की बात करें तो इस बार सूर्य को मकर राशि में गोचर 15 जनवरी को हो रहा है। जिस को हिन्दू पंचांग में इस पर्व की तिथि 15 जनवरी दी गयी है। इस बार सूर्य का मकर में गोचर 15 जनवरी को होने जा रहा है, जिस लिहाज से इसी दिन मकर संक्रांति मनाना ज्यादा उचित रहेगा।
तमिलनाडु में इसे पोंगल नामक उत्सव के रूप में मनाते हैं जबकि कर्नाटक, केरल था आंध्र प्रदेश में इसे केवल संक्रांति ही कहते हैं। मकर संक्रान्ति पर्व को कहीं-कहीं उत्तरायणी भी कहते हैं, यह भ्रान्ति है कि उत्तरायण भी इसी दिन होता है। किन्तु मकर संक्रान्ति उत्तरायण से भिन्न है।
आइये जानिए मकर संक्रांति के विभिन्न रूप को भारत में :
- मकर संक्रान्ति : छत्तीसगढ़, गोआ, ओड़ीसा, हरियाणा, बिहार, झारखण्ड, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, राजस्थान, सिक्किम, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, पश्चिम बंगाल, गुजरात और जम्मू
- ताइ पोंगल, उझवर तिरुनल : तमिलनाडु
- उत्तरायण : गुजरात, उत्तराखण्ड
- माघी : हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब
- भोगाली बिहु : असम
- शिशुर सेंक्रात : कश्मीर घाटी
- खिचड़ी : उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बिहार
- पौष संक्रान्ति : पश्चिम बंगाल
- मकर संक्रमण : कर्नाटक
- लोहड़ी : पंजाब
विभिन्न नाम भारत के बाहर
- बांग्लादेश : Shakrain/ पौष संक्रान्ति
- नेपाल : माघे संक्रान्ति या ‘माघी संक्रान्ति’ ‘खिचड़ी संक्रान्ति’
- थाईलैण्ड : สงกรานต์ सोंगकरन
- लाओस : पि मा लाओ
- म्यांमार : थिंयान
- कम्बोडिया : मोहा संगक्रान
- श्री लंका : पोंगल, उझवर तिरुनल
मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। इस दिन से मलमास ख़त्म होने के साथ शुभ माह प्रारंभ हो जाता है। इस ख़ास दिन को सुख और समृद्धि का दिन माना जाता है।
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पी के पाण्डेय हस्त रेखा विशेषज्ञ और ज्योतिष मोबाइल संख्या - 9304246124
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