11 माह में 170 अनाथ मासूमों को मिली ‘गोद’ की छांव

बिहार सरकार की गोद में खेल रहे 170 अनाथ मासूमों को आखिरकार ‘अपना’ घर नसीब हो ही गया. पिछले 11 माह में रिकॉर्ड बच्चों को गोद देने की प्रक्रिया पूरी की गयी. 36 बच्चों को तो विदेशी परिवारों ने अपनाया है. शेष अपने ही देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले परिवार के सदस्य बने हैं. समाज कल्याण निदेशालय की सक्रियता का ही असर है कि इतने कम समय में इतनी अधिक संख्या में बच्चों को गोद देने की प्रक्रिया पूरी की जा सकी है. निदेशक सुनील कुमार ने बताया कि ये आंकड़े एक अप्रैल 2017 से लेकर फरवरी 2018 तक के हैं. चालू वित्तीय वर्ष को खत्म होने में अभी एक माह शेष है. उम्मीद है कुछ और बच्चों को गोद देने की प्रक्रिया पूरी करने में विभाग को कामयाबी मिल जायेगी. एक अप्रैल 2017 से लेकर दिसंबर 2017 तक के आंकड़ों पर गौर करें तो 153 बच्चों को गोद दिया गया था. तीन लड़कों और 25 लड़कियों समेत कुल 28 बच्चे विदेशी परिवारों का हिस्सा बने थे. अपने देश में 91 लड़कियां और 34 लड़के दिसंबर 2017 तक गोद लिये गये थे. यह है गोद लेने की प्रक्रिया : बच्चा गोद लेने के लिए सीएआरए डॉट एनआइसी डॉट आइएन पर रजिस्ट्रेशन कराना होता है. जो लोग अपने देश के बच्चे को गोद लेना चाहते हैं. उन्हें अपने च्वाइस में इंडिया सेलेक्ट करना होता है. जो लोग विदेश के बच्चों को गोद लेना चाहते हैं उन्हें फॉरेन कंट्री लाइक करना होता है. रजिस्ट्रेशन के बाद गोद लेने के इच्छुक लोगों की होम स्टडी की जाती है. हरेक देश में ऑथोराइज्ड फॉरेनर एडॉप्शन एजेंसी हैं. भारत में स्पेशलाइज्ड एडॉप्शन एजेंसी हैं. रजिस्ट्रेशन होने के बाद एक माह के अंदर होम स्टडी का कार्य पूरा कर लिया जाना है. होम स्टडी पूरा हो जाने के बाद वह वेटिंग में चला जाता है और जब नंबर आता है तो आवेदक के मोबाइल पर मैसेज व बच्चा का फोटो भेज दिया जाता है. इस मैसेज के बाद विदेशी दंपती को एक माह के अंदर और अपने देश के लोगों 15 दिनों के अंदर बच्चे को गोद ले लेना होता है. गोद लेने के इच्छुक दंपती को छह माह का चेक अथवा डीडी चाइल्ड केयर कॉर्पस फंड में जमा करना होता है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *