10 लाख रुपये से ज्यादा का कैश निकालने पर लग सकता है टैक्स! जानिए पूरा मामला
अगर आप साल में 10 लाख रुपये से ज्यादा का कैश निकालते हैं तो इस पर टैक्स देना पड़ सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र की मोदी सरकार एक साल में 10 लाख रुपये से ज्यादा के कैश निकालने वालों पर टैक्स लगाने का विचार हो रहा है. इसके पीछे सरकार का उद्देश्य फिजिकल करेंसी यानी पेपर नोट के इस्तेमाल को कम करना है. साथ ही, ब्लैकमनी पर भी लगाम लगाना है. इस कदम से देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा मिलेगा. हालांकि, सरकार अभी तक इस पर विचार ही कर रही है. हालांकि सरकार लगातार कहती आई है कि वह ऐसा कुछ नहीं करना चाहती है कि नियमों का पालन मिडिल क्लास और गरीबों के लिए बोझ बन जाए. आपको बता दें कि यूपीए सरकार ने भी 10 साल पहले बैंक कैश लेनदेन टैक्स को पेश किया था. लेकिन कुछ साल बाद विरोध के कारण सरकार को उसे वापस लेना पड़ा था.
अंग्रेजी के बिजनेस न्यूज पेपर टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक, मोदी सरकार कैश निकालने पर आधार को अनिवार्य करने पर विचार कर रही है. अगर ऐसा होता है तो कैश में बड़े लेन-देन करने वाले की पहचान करना आसान हो जाएगा. साथ ही, कैश लेन-देन का इनकम टैक्स रिटर्न में भी मिलान करना आसान होगा. आपको बता दें कि फिलहाल 50 हजार से अधिक नकद जमा कराने पर पैन दिया जाता है
इस प्रस्ताव पर चर्चा बजट से पहले ही हो रही है जिससे कि इसे 5 जुलाई को बजट में पेश किया जा सके. हालांकि, सरकार के सूत्रों का कहना है कि इस कदम को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है
टाइम्स ऑफ इंडिया को एक अधिकारी ने बताया कि मनरेगा का फायदा लेने वाले को आधार का प्रयोग कर ऑथेंटिकेट रसीद की जरूरत होती है लेकिन कोई 5 लाख रुपये निकालता है तो उसके लिए ऐसा कुछ करना जरूरी नहीं होता है