पटना : एस. के. नरवर द्वारा प्रवर्तित, रैपीपे फिनटेक प्राइवेट लिमिटेड ने पटना में अपना राज्यस्तरीय कार्यालय स्थापित किया है। कंपनी के अनुसार बिहार – झारखंड, एइपीएस, माइक्रो एटीएम और डोमेस्टिक रेमिटेंस के लिए एक उच्च क्षमता का और नियमित बढ़ता हुआ बाज़ार है।
रैपीपे फिनटेक प्राइवेट लिमिटेड के सी. ओ. ओ. एवं डायरेक्टर अंकित लहोटी ने बताया कि रैपीपे की बिहार झारखंड में अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक एइपीएस (आधार एटीएम) और माइक्रो एटीएम ट्रांसैक्शनस में 300% और डोमेस्टिक रेमिटेंस में 250% की वृद्धि हुई है। लॉकडाउन में, घर के निकटतम, बैंकिंग बिज़नेस कोरेस्पोंडेंटस द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवायें जैसे एइपीएस, माइक्रो एटीएम, बिल भुगतान, की माँग काफी बढ़ी है। रैपीपे माइक्रो एटीएम और एइपीएस से करोड़ों लाभार्थी, जन धन योजना, प्रधानमंत्री-किसान सम्मान निधि आदि जैसी योजनाओं के तहत आसानी से नगद निकासी करवा पा रहे हैं।
इस बढ़ोत्तरी और बाज़ार की संभावनाओं को देखते हुए, रैपीपे ने बिहार में अपने कर्मचारियों की संख्या को चार गुना बढ़ाने की योजना बनाई है। कंपनी बिहार – झारखंड एरिया में लगभग 100,000 से अधिक नए एजेंटों (रैपीपे साथी) को अपने साथ जोड़ेगी।
बिहार में नगद निकासी, बिल भुगतान, इन्शुरन्स और रेमिटेंस से जुड़ी वित्तीय समावेशन वाली सेवाओं में अत्यधिक विकास की अपार संभावनायें हैं, क्योंकि इस राज्य में 9.25% जनसंख्या के लिए केवल 3.6% बैंक एटीएम हैं। यह पाया गया है कि आवक विप्रेषण (डोमेस्टिक रेमिटेंस) मुख्य रूप से दिल्ली और उसके बाद मुंबई से आता है, जिसकी निकासी के लिए माइक्रो एटीएम और एइपीएस का प्रयोग लाखों करोड़ों ग्राहकों द्वारा होता है। यह बैंकिंग सेवाओं से वंचित लोगों के लिए तो वक महत्वपूर्ण सुविधा है ही, साथ ही साथ विक्रेताओं के लिए अच्छा और सरल कमाई का माध्यम भी है
“भारत में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो बैंकिंग सेवाओं से वंचित है और डिजिटल प्रणाली को अपनाने से हिचकिचाते हैं। बिहार में, लगभग 85% लोग ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं जहाँ बैंकिंग सेवाएं अपर्याप्त हैं, बैंकों का कार्य समय सीमित है, एटीएम घर से दूर हैं और जो पास हैं उनमें अधिकतर नगदी नहीं होती है। ऐसे क्षेत्रों में लोगों के लिए खाते से नगद निकासी बहुत कठिन हो जाता है। रैपीपे अपने एजेंट्स के माध्यम से लोगों की बैंकिंग आवश्यकताओं को पूर्ण करता है।
योगेन्द्र कश्यप, सी. ई. ओ. एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, रैपीपे फिनटेक प्राइवेट लिमिटेड ने कहा, हमारा व्यवसाय मॉडल बैंकिंग सेवाओं से वंचित ग्राहकों को सेवा प्रदान करता है, रिटेल विक्रेताओं को सशक्त बनाता है और टियर 2,3,4 वाले बाज़ारों में रोज़गार उत्पन्न करता है। रैपीपे, एक प्रमुख भारतीय फिनटेक कंपनी, का लक्ष्य अगले एक साल में बिहार झारखण्ड में एइपीएस और माइक्रो एटीएम ट्रांसैक्शनस की 50% बाज़ार हिस्सेदारी हासिल करना है ।