अनूप नारायण सिंह
बेरोजगारी व बेचारी के इस दौर मे बिहार के समस्तीपुर के एक युवा ने गांव गांव जाकर हुनरमंद हाथ तैयार करने का जो साहस किया है वह काबिले तारीफ है ।
समस्तीपुर के झखड़ा गाँव के नीरज कुमार एक मल्टीनेशनल कंपनी मे उच्च पद पर कार्यरत है। ग्रामीण परिवेश मे पले बढ़े नीरज अपने ईलाके के विकास के लिए बिना किसी सरकारी या गैरसरकारी सहयोग के विविग 11 वर्षो से कार्य कर रहे है।सेवा को अपना धर्म मानने वाले नीरज कहते है कि आज भी भारत की आत्मा गाँव मे ही बसती है। ओनिडा, वहर्लपुल व विडियोकॉन जैसी कंपनी मे उच्च पद पर काम कर चुके नीरज बेरोजगारी को देश की सबसे बड़ी समस्या मानते है ।अपने स्तर से ग्रामीण युवाओ को स्वरोजगार के प्रति वे की वर्षो से जागरूक ही नही कर रहे बल्कि निजी क्षेत्र मे सैकड़ो को नियुक्त भी करवा चुके है ।बहुमुखी प्रतिभा की धनी नीरज अपनी सफलता का श्रेय खुद की मेहनत और आत्मविश्वास के साथ-साथ अपने माता-पिता को भी देते हैं जिनके भरोसे की वजह से आज वो इस मुकाम पर हैं । कई राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय सम्मान से सम्मानित नीरज का कहना है कि समाज के लिए कुछ खास करके ही आप अपने मन को सुकून प्रदान कर सकते है ।समस्तीपुर के एक छोटे से गांव से निकल कर अपनी सशक्त पहचान बना चुके नीरज छुट्टी के दिन ग्रामीण ईलाके । मे जाकर बेरोजगार युवाओ की पाठशाला लगाते है तथा उन्हे रोजगार की तलाश से पहले खुद के हुनर को विकसित करने की सलाह ही नही देते बल्कि उनके हुनर को विकसित करने की व्यवस्था भी करते है ।