नई दिल्ली। बंगाल की खाड़ी में उठा हुदहुद तूफान केंद्र और राज्य सरकारों की तैयारियों से हार गया। 180 से 190 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार के साथ तबाही मचाने पहुंचे हुदहुद तूफान ने तबाही तो बहुत मचाई लेकिन वक्त रहते की गई तैयारियों की वजह से जान-माल का भारी नुकसान नहीं हुआ। हालांकि इस तूफान में 8 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। वहीं केंद्र, आंध्र और ओडिशा की सरकारों ने वक्त रहते लाखों लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिया था। जिसकी वजह से हुदहुद तूफान उतनी बड़ी तबाही नहीं मचा पाया जिसकी आशंका जताई जा रही थी।
हालांकि आंध्र और ओडिशा को कुछ शहरों में हुदहुद ने भारी नुकसान पहुंचाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू को फोन कर उनसे हालात की जानकारी ली। चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि हालात बेहद गंभीर हैं और हुदहुद की तबाही को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की। ताजा जानकारी के मुताबिक हुदहुद की वजह से आंध्र प्रदेश में 5 और ओडिशा में 3 की मौत हुई है।
बिजली और संचार व्यवस्था को भी भारी नुकसान हुआ है। सड़क, रेल और हवाई यातायात पर भी बुरा असर पड़ा है। विशाखापट्टनम रूट पर चलने वाली 50 ट्रेनों को रद्द किया गया है और 50 ट्रेनों का रुट बदला गया है। मौसम विभाग ने आज भी विशाखापट्टनम समेत आंध्र के तीन तटीय शहरों में बारिश की चेतावनी दी है।