
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग कोर्ड का नहीं हुआ है पूरी तरह गठन, टाउन प्लानरों की बहाली तक नहीं
पटना, 19 मई । बिहार विधान सभा की लोक लेखा समिति के सभापति और वरिष्ठ भाजपा नेता श्री नंदकिशोर यादव ने कहा कि राजधानी पटना सहित राज्य के कई शहरों के चतुर्दिक विकास और इसके सौन्दर्यीकरण के लिए प्रस्तावित ‘ मास्टर प्लान’ योजना हवा-हवाई साबित हो रही है । इसके लिए न तो टाउन एंड कंट्री प्लानिंग बोर्ड का पूरी तरह गठन किया गया है और न ही किसी शहर के लिए टाउन प्लानर की नियुक्ति हुई है। राज्य सरकार की सारी योजनाएं फाइलों तक ही सिमटी है।
श्री यादव ने आज यहां कहा कि राज्य सरकार ने पटना के लिए मास्टर प्लान की घोषणा तो कर दी । साथ ही राजगीर और बोधगया के प्लानिंग एरिया का प्रकाशन भी कर दिया है लेकिन आधारभूत संरचना का कहीं अता-पता नहीं है। इसके साथ ही आरा, मुजफ्फरपुर, गया, बिहारशरीफ और सहरसा के लिए मास्टर प्लान बनाने की तैयारी चल रही है। राज्य सरकार की सारी योजनाएं हवा में है और नीतीश कुमार चकाचक पटना का मुंगेरीलाल का हसीन सपना देख रहे हैं। पटना मास्टर प्लान अधिसूचित हो चुका है लेकिन इसे लागू करने के लिए ‘प्लानरों’ का कहीं पता नहीं है । चीफ टाउन प्लानर, टाउन प्लानर, रिसर्च प्लानर, असिस्टेंट प्लानर जैसे तकनीकी विशेषज्ञों की नियुक्ति तक नहीं हुई है। नगर विकास व भवन निर्माण विभाग के दो असिस्टेंट टाउन प्लानरों के भरोसे गाड़ी खींचा रही है।
श्री यादव ने कहा कि चूंकि पटना और इसके आस पास के क्षेत्रों के विधायक भाजपा के हैं इसलिए राज्य सरकार जानबूझ कर पटना मास्टर प्लान को कार्यान्वित करने में भेदभाव की नीति अपना रही है। पटना के मास्टर प्लान के साथ सेटेलाइट टाउनशिप बसाना है। पटना के प्रस्तावित मास्टर प्लान में पटना नगर निगम के सभी 72 वार्ड ही नहीं बल्कि दानापुर, खगौल और फुलवारी नगर परिषद और मनेर व फतुहा नगर पंचायत भी इसमें रहेंगे।
