पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य की विधि-व्यवस्था से जुड़े सभी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को साफ शब्दों में कहा है कि आप हमें रिजल्ट दीजिए, वर्ना आपको इस जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया जाएगा। विगत रविवार को नौ महीने के अंतराल के बाद फिर से मुख्यमंत्री पद की कमान संभालने के बाद राज्य की कानून-व्यवस्था की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों राज्य के कुछ जिलों में हुई सांप्रदायिक हिंसा और तनाव की घटना को अत्यधिक गंभीरता से लेते हुए स्पष्ट किया कि ऐसी घटनाओं पर सरकार ‘जीरो टॉलरेंस’ की अपनी पुरानी नीति पर कायम है।
मुख्यमंत्री ने राज्य में पिछले नौ महीने के दौरान ढीली पड़ चुकी कानून-व्यवस्था पर अपनी नाराजगी भी व्यक्त की। पिछले दिनों मुजफ्फरपुर के सरैया थाना क्षेत्र के अजीजपुर गांव में रुई सांप्रदायिक हिंसा को लेकर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि ऐसे मामलों में पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। और न ही इस तरह के संवेदनशील मामलों में उनकी ओर से किसी तरह का बहाना चलने वाला है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ऐसे में मामलों में शुरू से ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति का पालन करती है। आगे इस तरह की घटना न हो इसे सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी डीएम और एसपी पर होगी। उन्होंने थाना, अंचल और प्रखंड स्तर के कार्यालयों में भ्रष्टाचार की शिकायतों को भी गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी स्तर पर राज्य के आम आदमी का दोहन न हो। उन्होंने डीजीपी पीके ठाकुर को अपराधियों को उनके अपराध की सजा सुनिश्चत करने तथा इस काम में कम से कम समय खर्च करने के लिए ‘स्पीडी ट्रायलÓ की रफ्तार में तेजी लाने का निर्देश दिया है। साथ ही उन्होंने डीजीपी को स्पीडी ट्रायल की खुद मॉनिटरिंग करने का भी निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने होली के त्योहार पर राज्य भर में विशेष सतर्कता बरतने और कानून तोडऩे वाले तत्वों की नकेल कसने का निर्देश सभी एसपी और डीएम को दिये हैं।
हमें रिजल्ट दीजिए, वर्ना आपको इस जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया जाएगा- सीएम
