पटना, 29 मई। बिहार विधान सभा की लोक लेखा समिति के सभापति और वरिष्ठ भाजपा नेता श्री नंदकिशोर यादव ने कहा है कि 13वें वित्त आयोग की सिफारिषों में जब केन्द्र की कांग्रेस नीत यूपीए की सरकार ने हकमारी की तो नीतीश जी की जुबान बंद थी और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार ने 14वें वित्त आयोग में पिछली अनुषंसा की तुलना में 136 प्रतिषत वृद्धि का प्रावधान किया तो नीतीश जी हकमारी का घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं।
श्री यादव ने कहा कि बिहार का विकास प्रधानमंत्री की प्राथमिकता सूची में है। वित्त आयोग की अनुषंसा पर भारत सरकार ने 2015-20 के लिए 3.83 लाख करोड़ रूपये का प्रावधान किया है जो कांग्रेसनीत यूपीए की सरकार द्वारा 2010-15 के लिए प्रावधानिक 1.60 लाख करोड़ से ढाई गुना से अधिक है। प्रधानमंत्री ने 136 प्रतिषत राषि की वृद्धि कर बिहार के प्रति उदारता का परिचय दिया है । इसके लिए नीतीष कुमार को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की मुक्त कंठ से सराहना करनी चाहिए। आज जिस धनत्व, क्षेत्रफल और राष्ट्रीय विकास की बातें नीतीष जी कह रहे हैं, केन्द्र की कांग्रेसी हुकूमत के वक्त उनकी बोलती क्यों बंद थी?
श्री यादव ने कहा कि 14वें वित्त आयोग के फार्मुले में बिहार के हित को पूरा ध्यान में रख कर ही विपुल धनराषि की व्यवस्था की गयी है । दरअसल राज्य सरकार ओछी राजनीति से बाज नहीं आ रही है । एक ओर जहां प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार के सफलतम तीन वर्ष पर पूरे देष में हर-हर मोदी, घर-घर मोदी के जयकारे लग रहे हैं तो अपने महागठबंधन रूपी घर में लगी आग से छटपटा रहे घर के मुखिया नीतीश कुमार केन्द्र सरकार पर अपनी भड़ास उतार रहे हैं। उनकी यह बेचैनी उनकी राजनीतिक हताषा की पराकाष्ठा है।