
“पानी के मसले पर दिल्ली और केंद्र सरकार दोनों ही पूरी तरह संवेदनहीन” – पंकज पुष्कर
- पानी के अन्यायपूर्ण बंटवारे को लेकर स्वराज अभियान का विरोध प्रदर्शन।
- जल आवंटन में अन्याय का भंडाफोड़। प्लांट की कुल सप्लाई में 20-30 प्रतिशत की कमी के बीच तिमारपुर, माडल टाउन, आदर्श नगर, वजीरपुर, जंहागीरपुरी जैसे इलाकों की सप्लाई में 55 और 80 प्रतिशत की कमी।
- भाजपानीत हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकारें संवेदनहीन। 1996 के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन नहीं।
- पानी का संरक्षण फैशन नहीं अनिवार्यता है, लेकिन आज तक इस बारे में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।
दिल्ली जल बोर्ड पानी के बंटवारे में घोर भ्रष्टाचार कर रहा है। इस भ्रष्टाचार के खिलाफ तिमारपुर विधायक और स्वराज अभियान के नेता पंकज पुष्कर और स्वराज अभियान दिल्ली के प्रदेश सचिव नवनीत तिवारी के नेतृत्व में स्थानीय जनता और स्वराज अभियान के साथियों ने वजीराबाद वाटर वर्क्स के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया।
खोजबीन करने पर तिमारपुर विधायक पंकज पुष्कर ने पाया कि वजीरावाद वाटर वर्क्स के पास चार जल संयंत्र हैं, जिनमें पहले दो की क्षमता 40 एमजीडी है, जबकि तीसरे की क्षमता 44 एमजीडी की है। चौथा संयंत्र दस एमजीडी का रिसाइकलिंग प्लांट है, जिससे बुराड़ी को पानी जाता है। पहले से दक्षिण दिल्ली, दूसरे से नई दिल्ली को और तीसरे संयंत्र से तिमारपुर, माडल टाउन, जहांगीरपुरी, आदर्श नगर और पंजाबी बाग विधान सभा के इलाकों में पानी की आपूर्ति की जाती है। इन इलाकों में दिल्ली की सबसे बड़ी झुग्गी – लाल बाग और सबसे बड़ी सब्जी मंडी आजादपुर भी आती है।

गौरतलब हो कि जब पंकज पुष्कर ने वजीराबाद वाटर वर्क्स जाकर छानबीन की तो पता चला कि पानी के बंटवारे को लेकर सरकार घोर अन्याय कर रही है। 14 मई को पहले प्लांट को 36, दूसरे को 39 और तीसरे संयंत्र को मात्र 20 एमजीडी पानी दिया गया। 15 मई को पहले संयंत्र को 36, दूसरे को 39 और तीसरे प्लांट को केवल 9 एमजीडी पानी दिया गया। यदि पानी का समान बंटवारा कर दिया जाए तो तीनों ही संयंत्रों के हिस्से में तीस-तीस एमजीडी पानी आएगा और महीनों से चल रहे जल-संकट से जनता को राहत मिलेगी।

संयंत्र । प्लांट की क्षमता (एमजीडी में) । 14 मई 2017 की सप्लाई । 15 मई 2017 की सप्लाई (एमजीडी में)
1 दक्षिण दिल्ली के इलाके 40 36 36
2 नई दिल्ली के इलाके 40 40 39
3 तिमारपुर, माडल टाउन, आदर्श नगर,
वजीरपुर, जंहागीरपुरी, केवल पार्क रिजर्वायर 44 20 09
4 बुराडी 10 10.3 10.2
योग 134 106.3 94.2
जहिर है कि जहां पानी 14 और 15 मई को प्लांट में पानी की कुल सप्लाई में 20 और 30 प्रतिशत की कमी आयी वहीं तिमारपुर, माडल टाउन, आदर्श नगर, वजीरपुर, जंहागीरपुरी जैसे इलाकों की फीड करने वाले तीसरे प्लांट की सप्लाई में 55 और 80 प्रतिशत की कमी आयी। यह कहां का इंसाफ है। यह जल आवंटन में अन्याय है। इसका यमुना में जल स्तर और हरियाणा से पानी कटौती से कोई लेना देना नहीं है। क्या यह एक क्षेत्र विशेष को प्यासा मारने की साजिश है? क्या दक्षिण और नई दिल्ली की गाड़ियों और सड़कों को धोने के लिए पानी उपलब्ध कराना उचित है जबकि उत्तरी दिल्ली की जनता अपने नलों में पानी के लिए तरस गई है। इस इलाके में पानी संकट मानव निर्मित आपदा का रूप ले रहा है। हालात यह है कि इलाके के मशहूर हिन्दुराव अस्पताल से पानी की कमी की वजह से गरीब मरीजों को बिना इलाज के वापिस भेज दिया जा रहा है।
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दिल्ली सरकार समस्या के निदान की जगह झूठ बोल रही है कि जमुना में पानी नहीं है। दरअसल पानी पर राजनीति कर रही सरकार पानी का अन्यायपूर्ण बंटवारा कर रही है। तिमारपुर विधायक और उनके समर्थन में उतरी जनता ने सड़क पर लेट कर धरना दिया और मांग की है कि पांच दिनों के भीतर पानी का यह अन्यायपूर्ण बंटवारा बंद होना चाहिए नही ंतो जनता बड़ा आंदोलन करेगी। जनता ने दिल्ली सरकार से जल-संकट को लेकर उनकी नीति का खुलासा करने और दिल्ली विधानसभा का विशेष अधिवेशन बुलाने के लिए कहा।
आग उगलती सड़क पर लेट कर सत्याग्रह कर रहे सैकड़ों साथियों के बीच पंकज पुष्कर ने कहा कि पानी के मसले पर दिल्ली और केंद्र सरकार दोनों ही पूरी तरह से विफल रही हैं। भाजपानीत हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकारें संवेदनहीन बनी है। 1996 के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन नहीं हो रहा है। पुष्कर ने माननीय न्यायालय और केन्द्र सरकार से समस्या का संज्ञान लेने का अनुरोध किया। केन्द्रीय जल आयोग को निष्पक्ष भूमिका सुनिश्चित करनी चाहिएं।
केजरीवाल सरकार पर सवाल खड़ा करते हुए पंकज पुष्कर ने कहा कि “यमुना में पानी नहीं होने की बात कोई नई नहीं है, लेकिन सरकार ने इसकी समय रहते कोई वैकल्पिक योजना नहीं बनाई। पानी का संरक्षण फैशन नहीं अनिवार्यता है, लेकिन आज तक इस बारे में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। दिल्ली के पुराने जल निकायों को पुनर्जीवित करने का कोई काम शुरू नहीं किया गया न ही यमुना पर बाढ़ के पानी को रोक कर संरक्षित करने की व्यवस्था की गई।”
विरोध प्रदर्शन की नेतृत्व कर रहे स्वराज अभियान दिल्ली के सचिव नवनीत तिवारी ने कहा कि “पानी का पक्षपातपूर्ण बंटवारा कर दिल्ली सरकार ने दिल्ली के गरीब इलाकों के प्रति घोर अपराध किया है। आज हमलोगों ने सड़क पर लेट कर सत्याग्रह किया। अगर क्षेत्र के लोगों की माँग नहीं मानी गयी तो हमलोग इस आंदोलन को और तेज़ करेंगे।”