पटना: सुशासन के लिए जाने जाने वाले नीतीश सरकार के बिहार में 12 घंटे के भीतर दो दिल दहला देने वाली वारदातों को अंजाम दिया गया है. इसके तहत दो हाई प्रोफाइल लोगों की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई. मारे गए लोगों में अंडर सेक्रेटरी और प्रखंड प्रमुख जैसे पद पर बैठे लोग शामिल हैं.
बिहार के वैशाली जिले में कल ब्लॉक प्रमुख और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई. वैशाली जिला के जन्दाहा प्रखंड परिसर में नवनिर्वाचित ब्लॉक प्रमुख और आरएलएसपी नेता मनीष सहनी की उनके दफ्तर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी गई. बाइक सवार हमलावरों ने मनीष के सीने में तीन गोलियां मारी थीं. जिसके बाद अस्पताल ले जाते वक्त उनकी मौत हो गई.
इस घटना को अभी 12 घंटे भी नहीं बीते थे कि सूबे के सचिवालय में प्लानिंग विभाग के अंडर सेक्रेटरी पद पर तैनात राजीव की गोली मारकार हत्या कर दी गई. इस हत्या को अंजाम देने के लिए तीन से चार लोग राजीव के घर में घुसे और उन्हें गोली मार दी. गोली लगने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सके. उनकी हत्या के पीछे की वजह रंगदारी टैक्स अदा नहीं करना बताई जा रही है.
कुशवाहा ने किया नीतीश पर हमला
आपको बता दें कि ब्लॉक प्रमुख की हत्या के बाद पार्टी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला किया है. कुशवाहा ने ट्वीट कर पूछा है कि नीतीश कुमार जी, कितनी लाशों के बाद होश में आएगा शासन? मनीष सहनी एक हफ्ते पहले ही ब्लॉक प्रमुख के लिए चुने गए थे.
उपेंद्र कुशवाहा ने लिखा, ”नीतीश जी, क्या यही दिन देखने के लिए समता पार्टी के दौर में आपके नेतृत्व में मेरे जैसे हजारों नौजवानों ने अपनी जवानी के 12 साल कुर्बान किए थे ? आखिर हम क्या जबाब दें मनीष की बिलखती माँ और जवान विधवा को?”
दोनों ही पद सरकार और उसके काम काज से जुड़े हैं. एक तरफ प्लानिंग विभाग के अंडर सेक्रेटरी और दूसरी तरफ प्रखंड प्रमुख की गोली से हत्या नीतीश के सुशासन के दावों की पोल खोलने वाले साबित हो रही हैं. इन घटनाओं के बाद सवाल उठता है कि अगर राज्य में सरकार और उससे जुड़े लोग सुरक्षित नहीं हैं तो आम लोगों का क्या हाल होगा.
राज्य में खास्ता है कानून व्यवस्था
नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) शासित इस राज्य में सनसनीखेज अपराधों का ये अपवाद मामला नहीं है. राज्य के मुजफ्फरपुर में हुए दिल दलहा देने वाला 34 नाबालिग लड़कियों के रेप के मामले को लेकर अभी लोग सकते में थे कि तभी पटना के एक आश्रय गृह में दो लड़कियां मृत पाई गईं.
यहीं नहीं, राज्य से कम से कम आधा दर्जन ऐसे मामले सामने आए हैं जहां लड़कियों के साथ छेड़खानी और मोरल पुलिसिंग का वीडियो वायरल कर दिया गया. नीतीश कुमार की बिहार सरकार लगातार इन घटनाओं की वजह से बेहद गंभीर सवालों के घेरे में है. विपक्ष के दबाव में उनकी एक मंत्री मंजू वर्मा को इस्तीफा भी देना पड़ा है और अब विपक्ष उनका भी इस्तीफा मांग रहा है.