धूप और अगरबत्ती का धुआं आपको सिगरेट से कहीं ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है। इस शोध में सिगरेट और अगरबत्ती के धुएं से होने वाले नुकसान के बारे में तुलनात्मक अध्ययन किया गया था। अगरबत्ती जलाने के बाद जिस धुएं को हम सांस के साथ शरीर में ले जाते हैं, उससे सांस संबंधी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। शोध में पता लगा है कि इस धुएं में 64 के करीब कंपाउंड होते हैं जो सांस की नली को रोक सकते हैं। एक ताजा अध्ययन के मुताबिक अगरबत्ती के धुएं में शामिल केमिकल आपके डीएनए तक को बदल सकते हैं।
आपको बता दें कि एशियाई देशों में घरों के भीतर और मंदिरों में अगरबत्ती और धूप जलाना काफी प्रचलित है। इसके जलने के दौरान पार्टिकल मैटर हवा में घुलते हैं। यह सांस लेने के दौरान हवा के साथ आपके फेफड़ों तक पहुंचते हैं और वहीं फंस जाते हैं। इसका असर काफी खराब होता है। वहीं खुशबू के लिए प्रयुक्त होने वाले केमिकल खतरा और भी बढ़ाते हैं। यह सांस लेने के दौरान हवा के साथ आपके फेफड़ों तक पहुंचते हैं और वहीं फंस जाते हैं। इसका असर काफी खराब होता है।
शोध के दौरान लिए गए अगरबत्ती के धुएं के सैंपल में पाया गया कि इसमें 99 फीसदी अल्ट्राफाइन और फाइन पार्टिकल्स होते हैं। शरीर में जाने पर यह बुरा असर करते हैं। इससे सिगरेट के धुएं की तुलना में जिंदा सेल्स को ज्यादा नुकसान होता है और कैंसर की वजह बनता है। यह अध्ययन साउथ चाइना यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नॉलजी और चीन की चाइना टबैको ग्वांगडंग इंडस रेल कंपनी ने मिलकर किया। इस अध्ययन में सिगरेट और अगरबत्ती के धुएं से होने वाले नुकसान के बारे में तुलनात्मक अध्ययन किया गया था|
अगरबत्ती का धुंआ यह बीमारियां पैदा कर सकता है जिसके कारन हमारे शारीर को हो सकता ह यह नुक्सान :-
1) अस्थमा का खतरा बढ़ जाता है – अगरबत्ती का धुंआ आपके फेफड़ों में एक सिगरेट के बराबर धुंआ कर देता है
2) आप अगर नियमित रूप से अगरबत्ती के धुंए वाले माहौल में रहेंगे, तो कई तरह की स्किन एलर्जी हो सकती है, खासकर बच्चों को।