पटना.आज सावन का पहला सोमवार है। बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चे और पुरुष सुबह से ही पटना के विभिन्न मंदिरों में भगवान भोले के जलाभिषेक के लिए जुट रहे हैं। भक्त बेल पत्तर और पानी भगवान पर चढ़ा रहे हैं। कुछ महिलाएं भगवान शंकर की सवारी नंदी से अपने मन की इच्छा भी बता रहीं हैं।
बहुत खास है इस बार चारों सोमवार
इस सावन में चारों सोमवार बहुत ही खास होंगे। सावन का आगमन प्रतिपदा तिथि और उत्तर आषाढ़ नक्षत्र में 20 जुलाई को हुआ है। 50 वर्ष बाद इस प्रकार का संयोग बना है, जिसमें रोजगार, आय, ज्ञान और कृषि क्षेत्र में वृद्धि की बात है। इसके अलावा बीमारियों से छुटकारा दिलाने और कई ग्रह परिवर्तन होने वाला है।
मनोवांछित फल की होती है प्राप्ति
माता पार्वती ने पति रूप में भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए सबसे पहले यह व्रत को किया था। सोमवार के व्रत का शिव की आराधना और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिये विशेष महत्व है। सौभाग्यवती स्त्रियां पति की लम्बी आयु, संतान रक्षा के साथ अपने भाई की सुख-समृद्धि के लिए यह व्रत करती है।
पुरूष इस व्रत का पालन संतान, धन-धान्य और प्रतिष्ठा के लिए करते हैं। सोमवार व्रत का नियमित रूप से पालन करने से भगवान शिव और देवी पार्वती की अनुकंपा बनी रहती है।
बेलपत्र और धतूर से होंगे शिव प्रसन्न
सावन में भगवान भोलेनाथ की पूजा दूध, दही, घी, शक्कर, गंगाजल, बेलपत्र, भांग, धतूर, दूब, श्रीफल आदि से करनी चाहिए। इससे पुण्य फलों में वृद्धि होती है।