एमसीडी में 50% महिला आरक्षण का असल उद्देश्य था राजनीति में महिला भागीदारी बढ़ाना। लेकिन अफ़सोस की जिन पार्टियों ने महिला आरक्षण संबंधी कानून का समर्थन किया उन्हीं पार्टियों ने एमसीडी चुनाव में आज महिला आरक्षण का मज़ाक बना डाला है। ये बातें स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने पार्टी के महिला प्रत्याशियों के साथ हुए एक प्रेस वार्ता के दौरान कही। साथ ही कहा कि “नारी के सहभाग बिना हर बदलाव अधूरा है” के विचार में उनका पूरा विश्वास है।
योगेंद्र यादव ने कांग्रेस पार्टी की आधिकारिक सूची भी दिखाई जिसमें ज़्यादातर महिला उम्मीदवारों को किसी पुरुष की पत्नी या बेटी बताकर परिचय कराया गया था। योगेंद्र यादव ने कटाक्ष करते हुए कहा कि वैसे तो हर पार्टी यही काम कर रही हैं लेकिन बेचारी कांग्रेस ने गलती से पत्नी/बेटो वाली कॉलम हटाये बिना रिलीज़ कर दिया होगा। कांग्रेस ही नही, बीजेपी और आम पार्टी भी इसी बीमारी से ग्रसित है। देश की राजधानी में महिला आरक्षण का माखौल बनाया जाना बेहद शर्मनाक है।
पार्टी के महिला उम्मीदवारों का परिचय कराते हुए योगेंद्र यादव ने अन्य पार्टियों से गंभीर सवाल किए और पूछा कि क्यूँ महिला आरक्षण का मज़ाक बनाया जा रहा है।
ऐसे समय में स्वराज इंडिया ने नई राजनीति का परिचय देते हुए नियम बनाया कि महिला हो या पुरुष, आवेदक को टिकट सिर्फ़ उनके अपने काम के आधार पर ही मिलेगा। न कि किसी परिवार वाले या रिश्तेदार के नाम से। स्वराज इंडिया का मानना है कि समाज में महिला नेतृत्व की कोई कमी नही है, कमी है तो उचित राजनीतिक अवसर का। पार्टी ने एमसीडी चुनावों के जरिये सशक्त महिला नेतृत्व को बढ़ावा दिया है। दिल्ली के 211 सीटों पर स्वराज इंडिया के प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। इनमें से 92 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। लेकिन स्वराज इंडिया ने 19 सामान्य सीटों पर भी महिलाओं को टिकट दिया है।
स्वराज इंडिया ने कुल 111 महिलाओं को दिया गया टिकट। जिनकी औसत आयु मात्र 37 साल है। इनमें वो महिलाएं हैं जिनकी अपने दम पर पहचान है न कि सिर्फ़ पिता या पति के नाम पर।
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनुपम ने बताया कि स्वराज इंडिया पहले दिन से ही महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी और स्वतंत्र पहचान के प्रति अत्यंत गंभीर रहा है। चाहे शराब के ठेकों के ख़िलाफ़ मुहीम हो, ऑटोचालक के हक़ की लड़ाई हो या दिल्लीवालों के न्याय की कोई भी लड़ाई हो, स्वराज इंडिया के हर संघर्ष में महिलाओं की अहम भूमिका रही है। एमसीडी चुनाव हमारे लिए इस सोच और संस्कृति को और मजबूती से अपनी राजनीति का हिस्सा बनाने का अवसर है।
• सशक्त महिला नेतृत्व को स्वराज इंडिया ने दिया बढ़ावा।
• 211 सीटों पर हैं स्वराज इंडिया के प्रत्याशी, जिनमें 92 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित।
• कुल 111 महिलाओं को दिया गया टिकट।
• 19 सामान्य सीटों पर भी महिलाओं को टिकट।
• महिला उम्मीदवारों की औसत आयु मात्र 37 साल।
• अपने दम पर पहचान बनाने वाली महिलाओं को ही मिली है जगह।
• अन्य सभी पार्टियों ने एमसीडी में महिला आरक्षण का बनाया माखौल।
• महिला आरक्षित सीटों पर डमी कैंडिडेट्स खड़े किये अन्य पार्टियों ने।