(पंकज कुमार श्रीवास्तव) मुजफ्फरपुर की घटना के बाद क्या राज्य कि जनता मान ले महागठबंधन के बाद एक बार फिर से पुराने लालू राज की वापसी होने वाली है? या फिर ये घटना सरकार की बडी चूक है? बहरहाल इतना तो स्पष्ट है,मुख्यमंञी जीतन राम माँझी अपनी कुर्सी बचाने में व्यस्त है,वही पूर्व मुख्यमंञी नीतीश कुमार अपनी वजूद की अंतिम लडाई में व्यस्त हैं। पूरे सूबे में अपराधियों का तांडव जारी है,कानुन का राज खत्म है। नौकरशाह दहशत में है, कब एक जगह से दूसरे जगह उन्हें पटक दिया जाए? मुजफ्फरपुर सरैया प्रखंड के अजीजपुर बलिहारा गांव की इस घटना में प्रेम प्रसंग को लेकर एक समुदाय के लोगों ने दूसरे समुदाय की लगभग पूरी बस्ती ही फूंक दी, कारणों की पडताल करे तो पायेगे नौ जनवरी से लापता भारतेंदु नाम के एक लड़के का शव अठारह जनवरी को खेत से मिला। गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज होने के वावजूद पुलिस क्या कर रही थी? जबकि आरोप स्पष्ट था गांव की जिस मुस्लिम लड़की से उसका प्रेम प्रंसग चल रहा था उसी के घरवालों ने उसका अगवा किया है। अब एक नजर दौडाये इस घटना के बाद पूरा इलाका छावनी बना है। मरने वाले चार लोगों में से दो के परिवारवालों को पांच-पांच लाख रुपए का चेक तुरन्त दे दिया गया है। वही आनन-फानन में 78 घायलों को एक-एक लाख रुपए का चेक भी दे दिया गया है। घटनास्थल नेताओं का आना जारी है।लाशों पर राजनीत भी जारी है। अब अहम सवाल है क्या सत्ता में बैठे लोग कुर्सी और अपने अहम को त्याग कर ऐसी घटना से सबक लेगें।
सम्पादकीये:मुजफ्फरपुर की घटना के बाद क्या पुराने लालू राज की वापसी होने वाली है?
