समाजवादी पार्टी विभाजन के कगार पर, शिवपाल समेत कई बर्खास्त

akhilesh-yadav-pardaphash-91069 लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने कड़े तेवर दिखाते हुए अपने विरोधियों को कड़ा सन्देश दे दिया है। उन्होंने अपने आवास पर मंत्री, विधायक तथा विधान परिषद के सदस्यों की बैठक में शिवपाल सिंह यादव समेत कई मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया है। बैठक में उन्होंने साफ कहा कि जो भी अमर सिंह के साथ हैं वो हटाए जाएंगे। इसी क्रम में सबसे पहले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शिवपाल को बर्खास्त किया है। अखिलेश ने मंत्रिमंडल से शिवपाल यादव को बर्खास्त कर इस लड़ाई में नहीं झुकने का संकेत दे दिया।

अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी  के प्रदेश अध्यक्ष और कद्दावर मंत्री शिवपाल सिंह यादव के बीच चल रहा घमासान खुलकर सामने आ गया है। अब रामगोपाल यादव ने कार्यकर्ताओं को चिट्ठी लिखकर समर्थकों और विरोधियों के बीच स्पष्ट लाइन खींच दी है। समाजवादी पार्टी में दो फाड़ होता दिख रहा है।

shivpal-yadav-cmsमुख्यमंत्री अखिलेश यादवों ने आज जिन विधायकों की बैठक बुलाई , उनमें शिवपाल के समर्थक विधायकों को आने का न्यौता नहीं मिला । इस समय सीएम अखिलेश यादव के पांच कालीदास मार्ग के आवास पर बैठक चल रही है। किसी को भी मोबाइल फोन के साथ अंदर नहीं जाने दिया गया है। सभी मंत्री, विधायक तथा विधान परिषद के मोबाइल फोन गेट पर ही जमा करा लिए गए हैं।

शनिवार को उठे सियासी घमासान ने समाजवादी पार्टी और परिवार में कलह को खुलकर सबके सामने ला दिया। अब सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह के भाई रामगोपाल यादव ने अखिलेश के विरोधियों को निशाने पर लिया है। उन्होंने कार्यकर्ताओं के नाम एक चिट्ठी लिखी है जिसमें अखिलेश विरोधियों को आड़े हाथों लिया। विरोधी अखिलेश की रथ यात्रा में अड़चन डालने की साजिश कर रहे हैं। रथयात्रा विरोधियों के गले की फांस बन गई है।

रामगोपाल ने लिखा है कि कुछ लोग गलतबयानबाजी कर रहे हैं। हमारी सोच सकारात्मक है, जबकि विरोधियों की सोच नकारात्मक है। वो अखिलेश को हराने की साजिश रच रहे हैं। सुलह की कोशिश के जरिए अखिलेश की यात्रा रोकने की साजिश की जा रही है

रामगोपाल ने लिखा कि अखिलेश का विरोध करने वाले विधानसभा का मुंह नहीं देख पाएंगे। न डरें, न विचलित हों। जहां अखिलेश-वहां विजय। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अखिलेश के समर्थन में जुटने की अपील की है ताकि अखिलेश की फिर सरकार बने।

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