कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट ने गुरुवार को सारदा चिटफंड घोटाले के आरोपी संधीर अग्रवाल की जमानत अर्जी खारिज कर दी। सारदा समूह के अध्यक्ष सुदीप्त सेन और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के कुछ अधिकारियों के बीच कड़ी का काम करने के आरोप में सीबीआइ ने अग्रवाल को गिरफ्तार किया था। न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति एस मुंशी के खंडपीठ ने अग्रवाल की जमानत अर्जी खारिज की।
पेशे से व्यापारी अग्रवाल ने जमानत की गुहार लगाते हुए कहा था कि वह इस मामले में शामिल नहीं है और उसे फंसाया गया है।
सीबीआइ के वकील ने अग्रवाल की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि वह सेबी के कुछ अधिकारियों और सेन के बीच कड़ी का काम करता था। उन्होंने कहा कि जांच प्रगति में है और अग्रवाल से और जानकारी हासिल की जा सकती है, लिहाजा उसे जमानत पर रिहा करने से तफ्तीश में बाधा आएगी। सुप्रीम कोर्ट ने सारदा चिटफंड घोटाले की जांच सीबीआइ को सौंपी है और राज्य सरकार से कहा है कि वह एजंसी की जांच टीम को पूरी मदद करे। शीर्ष न्यायालय के निर्देशों के मुताबिक सीबीआइ ने इस घोटाले में सेबी और भारतीय रिजर्व बैंक के कुछ अधिकारियों की भूमिका की जांच के लिए संयुक्त निदेशक राजीव सिंह की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल का भी गठन किया है।
संधीर अग्रवाल की जमानत अर्जी खारिज
