पटना, 23 मई । बिहार विधान सभा लोक लेखा समिति के सभापति और वरिष्ठ भाजपा नेता श्री नंदकिशोर यादव ने कहा है कि राज्य सरकार की लापरवाही के कारण बिहार के लगभग चार लाख षिक्षकों को विगत तीन माह से वेतन का भुगतान नहीं हुआ है। जबकि इसके लिये भारत सरकार ने सर्वषिक्षा अभियान के तहत 800 करोड़ बिहार सरकार को दिया है।
श्री यादव ने आज यहां कहा कि विष्वविद्यालयों के षिक्षक और षिक्षकेत्तर कर्मचारियों का भी यही हाल है । धनावंटन होने के बावजूद कई विष्वविद्यालयों में षिक्षक और षिक्षकेत्तरकर्मियों को वेतन नहीं मिल पाया है। सूबे के कसबाई क्षेत्रों में षिक्षा का अलख जगाने वाले षिक्षकों के लिये भारत सरकार ने सर्वषिक्षा अभियान के तहत नियोजित षिक्षकों के वेतन के लिये 10,500 करोड़ रूपये का बजटीय प्रावधान किया है और 800 करोड़ रूपया इस मद में बिहार सरकार को दे भी दिया लेकिन सरकार की लचर कार्यपद्यति और विभाग की उदासीनता के कारण इसमें लगे चार लाख षिक्षक पांच माह से वेतन से वंचित हैं। कई जिलों में तो षिक्षकों को नवम्बर माह से ही वेतन नहीं मिला है।
श्री यादव ने कहा कि राज्य सरकार षिक्षा के बारे में बातें तो बड़ी-बड़ी करती है लेकिन षिक्षकों के परिजनों की माली हालत से पुरी तरह विमुख है। वेतन के अभाव में नियोजित षिक्षकों को अब दुकानदारों ने भी उधार में राषन देना बंद कर दिया है। बेटियों के हाथ पीले करने को आतुर ऐसे षिक्षकों के एक बड़े वर्ग को धन संकट के कारण भारी मुसिबतों का सामना करना पड़ रहा है। उनके बच्चों के नाम स्कूलों से कटने की स्थिति में है तो बुजुर्गों को समुचित इलाज नहीं करा पा रहे हैं।