पटना 17 मार्च 2017
भाजपा के वरिष्ठ नेता सह लोक लेखा समिति के सभापति नंदकिशोर यादव ने कहा कि सत्ताधारी दलों के शीर्ष नेता शासन-प्रशासन पर कंट्रोल में तो बुरी तरह फ्लाप हो चुके हैं, अब महागठबंधन को बचाने के लिए किया जा रहा डैमेज कंट्रोल भी बेअसर है। उत्तर प्रदेश चुनाव परिणाम के बाद बिहार में भी सत्ताधारी दलों के बीच भगदड़ मची हुई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुर्सी के मोहपाश में भले ही सबकुछ देख-सुनकर भी अनदेखा-अनसुना कर रहे हैं, पर गठबंधन के दूसरे बड़े नेताओं को ये साथ रास नहीं आ रहा। कहीं 2019 के लिए प्रधानमंत्री की दावेदारी के बहाने ठनी है, तो कहीं सूबे की सत्ता पर पकड़ के लिए तकरार है। स्थानांतरण – पदस्थापन से लेकर आयोगों के अध्यक्ष और सदस्य तक के चयन में महागठबंधन के भीतर युद्ध सी स्थिति बनी हुई है।
श्री यादव ने कहा कि दरअसल महागठबंधन में सब अपनी-अपनी कुर्सी बचाने में लगे हैं। महागठबंधन में मची भगदड़ और डैमेज कंट्रोल के बीच राज्य का शासन अनियंत्रित हो चुका है। अपराध, अराजकता और भ्रष्टाचार के साथ ही शासन-प्रशासन संभालने वाले चेहरे भी मनमानेपन पर उतारू हो चुके हैं। कानून के साथ कायदों की भी धज्जियां उड़ रही है।
श्री यादव ने कहा कि सत्ताधारी दलों के बीच आपसी वार-पलटवार के कारण बिहार का विकास बेपटरी हो गया है। बिहारवासी चुनाव के समय महागठबंधन के नेताओं के द्वारा विकास के किये गये वायदों को पूरा होने की बाट जोह रहे हैं। पर नेता अपनी कुर्सी बचाने की जुगत भिड़ाने में लगे है।