बिहार में शराबबंदी के साइड इफेक्ट दिखने शुरू हो गए हैं | कई थानाध्यक्षो ने खुद को थानेदारी से मुक्त करने का अपने एसपी को दिया लिखित आवेदन दे दिया है | भोजपुर और पटना जिला पुलिस के कई थानेदारों ने नई नीति उत्पाद नीति को देखते हुए पुलिस एसोसिएशन की पहल का समर्थन करते हुए अपने जिले के एसपी को दिया स्वयं को थानेदारी से मुक्त करने का लिखित आवेदन दिया है | इसके पश्चात् सरकार और पुलिस आमने-सामने है | बिहार पुलिस एसोशियेशन की ओर से इस सन्दर्भ में एक प्रतिनिधि मंडल डीजीपी पी० के० ठाकुर से मिलकर इस बाबत ज्ञापन सौप निलम्बन की कार्रवाई वापस लेने की मांग की है गौरतलब है कि नई शराब बंदी कानून को लागू कराने में कोताही बरतने के आरोप में अबतक 11 थाना प्रभारियों को निलंबित किया जा चूका है | बिहार पुलिस एसोशियेशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह ने डीजीपी से मिलने के बाद सख्त लहजे में कहा है की अगर मांग के सन्दर्भ में कोई सकारात्मक पहल नहीं की गयी तो बिहार के सभी साढ़े आठ हजार थानाध्यक्ष और इंस्पेक्टर एक साथ थानाध्यक्ष पद से सामूहिक रूप से इस्तीफा दे देंगे| मृत्युंजय कुमार सिंह ने बताया की अभी तक भोजपुर में 200 पुलिस कर्मियों ने थानाध्यक्ष पद पर नहीं रहने के आवेदन पर हस्ताक्षर किया है और दूसरे जिलो में भी इस प्रकार का अभियान चल रहा है और 28 अगस्त को पटना में बिहार के सभी जिलो के पुलिस एसोसिएशन के पदाधिकारियो के साथ बैठक होगी जिसमे पुलिस महकमा एक सप्ताह तक सामूहिक अवकाश पर जाने को बाध्य होगा |
रमेश