विधानसभा सचिवालय के नवनियुक्त कर्मियों को मुख्यमंत्री ने सौंपे नियुक्ति पत्र

पटना 28 जून 2019 :-  मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार ने आज बिहार विधानमंडल के विस्तारित भवन स्थित सेंट्रल हॉल में बिहार विधानसभा सचिवालय के नवनियुक्त कर्मियों को नियुक्ति पत्र प्रदान कर उन्हें बधाई दी।

बिहार विधानसभा अध्यक्ष श्री विजय कुमार चौधरी ने मुख्यमंत्री को गुलदस्ता भेंटकर उनका अभिनंदन किया। बिहार विधान सभा सचिवालय की नई नियमावली 2018 के तहत यह पहली नियुक्ति है।  कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त कर्मियों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि नियमाें के मुताबिक यह नियुक्ति प्रक्रिया पूरी पारदर्षिता के साथ सम्पन्न हुई है,  इसके लिए मैं विधानसभा अध्यक्ष को भी बधाई देता हूँ।

बिहार विधान परिषद में भी जो पद रिक्त हैं, हम चाहेंगे कि उन सभी रिक्त पदों पर भी नियुक्ति की प्रक्रिया अतिशीघ्र सम्पन्न हो जाए। उन्होंने कहा कि प्रारंभ से ही हम देखते हैं, कि विधानमंडल सचिवालय के कामों की जिम्मेवारी जिनलोगों पर है, उनकी संख्या घटती जा रही है।  इस दिशा में वर्ष 2015 के बाद विधिवत कार्रवाई की गयी और अब नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ हो गयी है, अब कोई रिक्ति शेष नही रहेगी।  मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार विधानसभा और  बिहार विधान परिषद का एक विशिष्ट  स्थान है।

तकनीकी कारणों से ऑडिटोरियम का काम अभी बाधित है 

नवनियुक्त कर्मी कभी यह महसूस नहीं करेंगे कि वे एक ही जगह काम कर रहे हैं,  क्योंकि हर पांच साल पर विधानसभा और  प्रत्येक छह साल पर विधान परिषद का चुनाव होता है इसलिए नये-नये लोगों से इंटरैकशन करने का मौका मिलता रहेगा। उन्होंने कहा कि विधानमंडल के नये सदस्यों को यहाँ के कर्मियों से ही कार्य-संस्कृति को जानने समझने का मौका मिलता है। अब यहाँ सेंट्रल हॉल भी बनकर तैयार हो गया है इसलिए समय-समय पर  यहाँ बैठकर आपस में बातचीत करने के साथ ही कार्यक्रम भी आयोजित करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि तकनीकी कारणों से फिलहाल यहाँ ऑडिटोरियम का काम अभी बाधित है,  जब यह उपयुक्त हो जाएगा तो उसका काम भी आगे बढ़ेगा।  मुख्यमंत्री ने कहा कि यहाँ जो पुस्तकालय है, उसमें सभी विषयों की जानकारी से  संबंधित डाक्यूमेंट्स और किताबें हैं, जिसका उपयोग सभी माननीय सदस्यों को करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि एमटेक, बीटेक करने वाले लोगों ने भी विधानसभा सचिवालय में सहायक के पद पर अपनी सेवा देने की इच्छा जताई है, यह जानकार हमें आश्चर्य हाेता है ,और साथ में खुशी भी हो रही है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों सदनों के सदस्यगण यह जान लें कि पर्यावरण में बहुत तरह का परिवर्तन आ गया है।

हर क्षेत्र से जुड़े विषयों पर भी यहाँ अलग से इंटरैक्शन होना चाहिए

1966 में सूखे की भयंकर स्थिति उत्पन्न हुई थी, और उस समय राहत के लिए सरकारी तंत्र भी नहीं के बराबर था।  उन्होंने कहा कि इस बार जिस प्रकार से जेठ माह में 20 से 25 दिनों तक पुरवइया हवा चली है, उससे यह साफ हो गया है, कि सावन के महीने में धूल उड़ेगा इसलिए हमें अंदेशा है,  कि इस बार भी बिहार में सूखे की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

हालांकि कुदरत की कृपा हो जाय तो कुछ राहत मिल सकती है। उन्होंने कहा कि मिथिला रीजन में भूजल स्तर इतना नीचे चला जाएगा इसकी परिकल्पना किसी ने नही की थी, इससे स्पष्ट है कि भयंकर स्थिति आने वाली है। कुछ राज्यों में वर्षा हो रही है जहाँ से नदियों के माध्यम से बिहार में भी बाढ़ के हालात पैदा हो सकते हैं लेकिन जहाँ वर्षा होती थी वहां न के बराबर वर्षा हो रही है इसलिए सूखे का खतरा ज्यादा है। ऐसी स्थिति में नई-नई बीमारियाँ भी पनपती हैं।

अधिक से अधिक लोगों को पर्यावरण और साफ-सफाई के प्रति जागरूक होना चाहिए 

उन्होंने कहा कि इस बार लू और वज्रपात का कहर भी काफी लोगों को झेलना पड़ा है। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए हम सभी को प्रकृति के प्रति कॉन्शस होना पड़ेगा। दोनों सदनों के सदस्यों को प्राकृतिक चीजों के बारे में जागरूक होना पड़ेगा, इसके लिये पुस्तकालय में अध्ययन के अलावा उन्हें एक्सपर्ट के माध्यम से इन सब चीजों के बारे में बताना जरूरी होगा ताकि पर्यावरण के प्रति वे जागरूक रहते हुए अपने इलाके के लोगों को भी जागरूक कर सकें।

उन्होंने कहा कि विधानमंडल सत्र के अलावा हर क्षेत्र से जुड़े विषयों पर भी यहाँ अलग से इंटरैक्शन होना चाहिए, जिसमें अनुभव के आधार पर सदस्यगण अपनी बातें रख सकें। इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद के कार्यकारी सभापति सहुलियत के हिसाब से समय तय करें। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण के कारण मौसम पर दुष्प्रभाव बढ़ता जा रहा है। अधिक से अधिक लोगों को पर्यावरण और साफ-सफाई के प्रति जागरूक और सचेत करने की आवश्यकता है।

बिहार विधानसभा के अध्यक्ष और विधान परिषद के कार्यकारी सभापति से आग्रह करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानमंडल सत्र से अलग एक्सपर्ट और अधिकारियों की उपस्थिति में सूखे का खतरा, बाढ़ की आशंका, पर्यावरण के प्रति कॉन्शसनेस के साथ ही स्वच्छता जैसे विषयों पर बिना देर किये इंटरेक्शन का कार्यक्रम निधा र्रित करिये।

इस इंटरैकशन में सभी  सदस्यगण अपने-अपने क्षेत्र के बारे में अपनी बातें रखेंगे जो रिकार्डेड हाेगा।  कार्यक्रम के  माध्यम से जो भी समस्याएं सामने आएंगी, उसके निराकरण के लिए पूरी गंभीरता के साथ  अविलम्ब अग्रेतर कार्रवाई की जायेगी ताकि लोगों कोराहत मिल सके, इसमें जो भी अधिकारी  लापरवाह पाए जायेंगे, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी।  कार्यक्रम को विधानसभा अध्यक्ष श्री विजय कुमार चौधरी, विधान परिषद के कार्यकारी  सभापति श्री हारुण रसीद, उप मुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी, संसदीय कार्य मंत्री श्री  श्रवण कुमार एवं विधायक श्री अब्दुलबारी सिद्दीकी ने भी संबोधित किया।  इस अवसर पर बिहार विधानमंडल के सदस्यगण, पूर्व सदस्यगण, बिहार विधानसभा सचिवालय के अधिकारी एवं कर्मियों के अलावा नवनियुक्त कर्मीगण भी उपस्थित थे।

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