
उर्जा उत्पादन के क्षेत्र में भारत ने नया मुकाम हासिल कर लिया है |तमिलनाडू के कुंडनकुलम में परमाणु उर्जा का प्लांट लगाने का काम चल रहा था , जिसे प्रधान मंत्री मोदी तथा रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने सयुक्त रूप से राष्ट्र को समर्पित किया |स्वच्छ उर्जा के उत्पादन में इस प्लांट की शुरुआत को अच्छी उपलब्धि के रूप में देखा जा सकता है | इस प्लांट के माध्यम से 1000 मेगावाट बिजली का उत्पादन संभव हो पायेगा | आगे आने वाले समय में ऐसे और कई प्लांटस लगाने की योजना है | भारत जैसे विशाल देश की बिजली की ज़रूरत तेज गति से बढ़ रही है , ऐसे में परम्परागत ऊर्जा के स्रोतों पर पूरी तरह से निर्भर रहना उचित नहीं कहा जा सकता है |ज्ञात हो की इस परमाणु ऊर्जा से सम्बंधित करार 1988 में भारत के पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गाँधी और सोवियत संघ के राष्ट्रपति मिखाइल गोरवाचोव के बीच हुई थी , लेकिन सोविअत संघ से विघटन के कारण मामला लंबित हो गया , फिर बाद में इसकी शुरुआत 1999 में हुई |
