नई दिल्ली। 3 अप्रैल। राष्ट्रीय आदर्श और संर्घषशील पत्रकारों के प्रणेता सम्पादक, लेखक, फोटोग्राफर, प्रख्यात पत्रकार पं0 अवध कुमार झा (95 वर्ष) आज प्रातः शुक्रवार को स्वर्गवास हो गया। वे विगत 7 वर्षों से (दोनों किडनी) डायलसिस इलाज पर थे। पत्रकारिता का राष्ट्र एवं सामाजिक धर्म जीवन भर निभाने वाले अवध बाबू अपने इलाज के क्रम में भी काँपते हाथों से निरन्तर 72 वर्षों से अपनी लेखनी को बरकरार रखा।
35 रुपये मासिक पर पत्रकारिता के बदौलत राष्ट्र सेवा में सम्पूर्ण जीवन समर्पित किया
विदित हो कि बपचन में ही अनाथ हो चुके संघर्षरत अवध बाबू ने युवावस्था में सिर्फ 35 रुपये मासिक पर पत्रकारिता के बदौलत राष्ट्र सेवा में सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। वर्ष 1946 से 1949 तक समाचार एजेंसी यूपीआई 1949 से 1954 तक हिन्दुस्तान समाचार, समाचार भारती, वार्ता, पीटीआई 1954 से 2002 तक ऐतिहासिक अखबार दैनिक आर्यावर्त में मुख्य विशेष संवाददाता एवं सम्पादक के पद पर समर्पित रहे। पुनः 2003 से 2019 इलाजरत तक न्यूज एवं फीचर्स इंडिया (न्यूज एजेंसी) अपने कांपते हाथों से पवित्र विचारों को जीवन भर समर्पित कर दिए। पत्रकारिता के संघर्ष यात्रा में पूर्व प्रधनमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, स्व. कुलदीप नैयर, बालेश्वर अग्रवाल, डाॅ. नन्द किशोर तिर्खा, दीनानाथ झा सहित कई दिग्गज सम्पादक पत्रकार के साथ मजबूत कडी रहे।
आजादी की लड़ाई, जे.पी आन्दोलन ऐतिहासिक और साहसिक भूमिका निभाई
सर्वविदित है कि आजादी की लड़ाई, जे.पी आन्दोलन से लेकर गरीब-पिछडे बिहार के सर्वांगीण विकास की लड़ाई में निरन्तर संघर्षशील सैनानी पत्रकार श्री अवध बाबू ने ऐतिहासिक और साहसिक भूमिका निभाई है।
बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्री कृष्ण बाबू के कार्यकाल से वर्तमान काल के मुख्यमंत्री तक अपने अंतिम सांस तक ‘भ्रष्टाचार-पिछडा मुक्त बिहार’ और श्रेष्ठ भारत के नव निर्वाण में प्रबुद्ध शोध लेखनी से निरन्तर मार्ग दर्शन कर पत्रकारिता का सामाजिक एवं राष्ट्र धर्म बखूबी निभाते रहे हैं।
सैकड़ों पीडित पत्रकारों को उनके मौलिक अधिकारों एवं न्याय दिलाने में सर्वोच्च नियोछावर किया
अपने पत्रकारिता जीवन काल में उन्होंने ‘सर्वजन हिताय’ की प्रेरणा से हजारों पिछड़ों, गरीब, रिफ्यूजियों को जहां पुर्नवास एवं रोजगार प्रदान किया वहीं सैंकडों गरीब कन्याओं का कन्यादान एवं उनके परिवार को राजगार प्रदान कर सामाजिक मसीहा की पहचान बने। ‘पत्रकारिता जगत के दधीची’ अवध बाबू नेशनल यूनियन आॅफ जर्नलिस्ट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की हैसियत से सैकड़ों पीडित पत्रकारों को उनके मौलिक अधिकारों एवं न्याय दिलाने में सर्वोच्च नियोछावर करते रहे।
ऐतिहासिक व प्राचीनतम दैनिक आर्यावर्त- इंडियन नेशन के पुर्णोत्थान उनके सैकड़ों पीड़ित श्रमिकों को सम्मान दिलाने हेतु दधीची की भांति जीवन भर संघर्षरत रहे हैं।
प्रखर पत्रकारिता, खोजी, शोध पत्रकारिता के विशेषज्ञ गुरू माने जाने वालो ‘विद्वान सम्पादक अवध बाबू’ ने पत्रकारिता और ‘पत्रकारों का राष्ट्रधर्म’, बाढ़ से निदान, ‘पिछडे और गरीब बिहार’ का सर्वांगीण विकास, ‘नक्सलीज्म और आतंक मुक्त भारत’, ‘स्वास्थ्य, शिक्षा और सिंचाई’ और ‘कृषि विकास’ पर उन्होंने सैकड़ों शोध एवं खोजी रिपोर्ट सहित कई पुस्तकें राष्ट्र को समर्पित की हैं।
दर्जनों सर्वोच्च पत्रकारिता सम्मान मिला
उपरोक्त महान योगदान हेतु उन्हें दर्जनों सर्वोच्च पत्रकारिता सम्मान ‘लाइपफ टाइम अचीवमेंट’ सम्मान, सर्वश्रेष्ठ खोजी एवं शोध पत्रकारिता सम्मान, जे. पी. आन्दोलन पत्रकारों की भूमिका श्रेष्ठ सम्पादन सम्मान, ग्रामीण एवं सामाजिक उत्थान पत्रकारिता के अवार्ड से नवाजे गये हैं।
उल्लेखनीय है कि श्री अवध बाबू की प्रख्यात शिल्पी, कलाकार एवं समाजसेवी धर्म पत्नी स्व. अहिल्या झा का विगत 6 वर्ष पूर्व ही स्वर्गवास हो चुका है। जिन्हें पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमति इन्दिरा गाधंी, स्व. अटल बिहारी वाजपेयी, बिहार के मुख्यमंत्रियों एवं बिहार के राज्यपाल ने सर्व श्रेष्ठ राष्ट्रीय उद्यमी शिल्पी सम्मान से कई बार नवाजी गई हैं।
प्रख्यात पत्रकार अवध बाबू अपने पीछे 4 सुपुत्र सर्वश्री चन्द्रशेखर झा, राजीव शेखर झा, संजीव शेखर झा और मनी शेखर झा सहित छह पोती एवं पोते का भरा परिवार छोड गये हैं।
ज्ञातव है कि पत्रकारिता जगत के दधीची पत्रकार और गरीबों के मसीहा श्री अवध कुमार झा के अकस्मात निधन से बिहार के ‘वयोवृद्ध पत्रकार सम्पादक’ की पीढ़ी लगभग समाप्त हो गई है। इसकी छति अपूर्णीय है।
कई पत्रकार संगठनों ने जताया शोक
पत्रकारिता जगत की इस अपूर्णीय क्षति से आहत वेब जर्नलिस्ट्स एसोशिएशन ऑफ़ इण्डिया (डब्ल्यूजेएआई), एनयूजेआई, आईएपफडब्ल्यूजेआई, एबीयूजे, पत्रकार भारती, जर्नलिस्ट इंडिया, आईजेयू, बिहार श्रमजीवी पत्रकार संघ, न्यूज पेपर्स एवं पब्लिकेशन परिवार, एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया, ब्राॅडकास्ट एडिटर एसोसिएशन, राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय समाचार पत्रों के सम्पादक एवं श्रमिक पत्रकारों ने गहरी संवेदना प्रकट करते हुऐ हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित किया है।
खासकर बिहार के तमाम श्रमिक संगठन, राजनीतिक, सामाजिक, शौक्षणिक, आध्यात्मिक पत्रकारिता जगत के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं सम्पादक मंडल ने एक समारोह पूर्वक उनके सम्मान में सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की है।
विदित हो की उनके पत्रकार पुत्र श्री संजीव शेखर सम्पादक आर्यवर्त भारत, मीडिया टाइम्स ने अपने पिता के धरोहर और उनके पवित्रा लक्ष्य पत्रकारिता का दायित्व निरन्तर जीवन्त रखने का संकल्प लिया है।