पटना :- मुख्यमंत्री ने 40 दिन बाद अपनी चुप्पी तो तोड़ी मगर लालू परिवार की 1500 करोड़ की बेनामी सम्पति पर कार्रवाई का ब्योरा देने के बजाय बचाव में खड़े दिखे। केन्द्र सरकार तो कार्रवाई करेगी मगर मुख्यमंत्री बतायें कि जू में हुए मिट्टी घोटाला, पर्यावरण नियमों का उल्लंघन कर अवैध रूप से मॉल के निर्माण तथा तेज प्रताप व तेजस्वी यादव द्वारा मंत्री के तौर पर सरकार को दिए सम्पति के ब्यौरे में पटना, औरंगाबाद के साथ ही दान में मिले अरबों के जमीन-मकान को छुपा लेने के खिलाफ आपने क्या कार्रवाई की है?
मिट्टी घोटाले की जांच सर्वदलीय समिति से क्यों नहीं कराई गई? वन व पर्यावरण विभाग की अनुमति के बिना डेढ़ साल से तेजस्वी यादव के 750 करोड़ की लागत से बन रहे मॉल के निर्माण को रोकवाने के लिए क्या कार्रवाई की गई है? लालू परिवार ने प्रेमचन्द गुप्ता, ओमप्रकाष कत्याल और अषोक बंथिया की खोखा कम्पनियों के जरिए बिहार में जो अरबों की सम्पति अर्जित की है उसकी जांच कराने की जिम्मेवारी किसकी है? गला खराब होने के डर से 40 दिन तक चुप्प रहने वाले मुख्यमंत्री आखिर लालू परिवार के खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत क्यों नहीं जुटा पा रहे हैं?
एक ओर तो मुख्यमंत्री मीडिया से भ्रष्टाचार और बेनामी सम्पति की जांच करने के लिए कहते हैं, दूसरी ओर जब एक निजी न्यूज चैनल द्वारा लालू परिवार की बेनामी सम्पति को उजागर किया गया तो उसे ‘सुपारी पत्रकारिता’ करार देते हैं। कहीं ऐसा तो नहीं कि जब केन्द्र सरकार लालू प्रसाद की बेनामी सम्पति के खिलाफ कार्रवाई करें तो सरकार गिरने के डर से नीतीष कुमार लालू प्रसाद के पक्ष में खड़े हो जाएेंगे?