राबड़ी देवी को अब पार्टी में टूट की चिंता भी सताने लगी है। यही वजह रही कि पार्टी के 23वें स्थापना दिवस पर राबड़ी ने जहां विधायकों को सजग होने की सलाह दी।
पटनाः लोकसभा चुनाव में बुरी हार के बाद राजद में सबकुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा।
तेजस्वी यादव की राजनीतिक गतिविधियों शिथिल पड़ गयी है। पार्टी के विधायक भी विधायी कार्य में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। वहीं, राबड़ी देवी को अब पार्टी में टूट की चिंता भी सताने लगी है । यही वजह रही कि पार्टी के 23वें स्थापना दिवस पर राबड़ी ने जहां विधायकों को सजग होने की सलाह दी। वहीं ये भी कहती दिखीं कि पार्टी को किसी भी कीमत पर टूटने नहीं देना है।
आरजेडी का 23वां स्थापना दिवस समारोह लोकसभा चुनाव के परिणाम की समीक्षा का मंच बन गया. ये पहला मौका था जब पार्टी के सभी शीर्ष नेता सार्वजनिक मंच पर अपने विचार रख रहे थे. शिवानंद तिवारी हो या फिर रघुवंश प्रसाद सिंह, अब्दुलबारी सिद्दिकी हो या आलोक मेहता सभी पार्टी की स्थिती पर चिंता जाहिर की. पार्टी के सीएम इन वेटिंग तेजस्वी यादव के हालात पर चिंता जाहिर की. कार्यक्रम में मौजूद राबडी देवी सभी नेताओं की बातों को ध्यान से सुन रहीं थी. नेताओं के बयान से राबडी को एहसास हो गया कि पार्टी में अब सबकुछ सामान्य नहीं है।
यही वजह रही कि मंच पर माईक संभालते ही राबडी बोलीं कि पार्टी को किसी भी कीमत पर टूटने नहीं देना है. सबको एक जुट रखना है।
चुनाव परिणाम के बाद तेजस्वी यादव में आए बदलाव का असर पूरी पार्टी पर पर रहा है। यहां तक कि विधायकों में भी खलबली है. विधायक भी अपने पार्टी नेतृत्व को लेकर सशंकित हैं. इसबात का खुलाशा भी खुद राबडी देवी ने ही किया. कार्यक्रम के दौरान राबडी देवी ने कहा कि उनके एमएलए और एमएलसी सदन में तैयारी के साथ नहीं जा रहे. सदन की कार्रवाई खत्म होती है विधायक घर जाते हैं खाते हैं आराम करते हैं. तैयारी के साथ कोई सदन नहीं जा रहा।
राबडी ने ये भी स्वीकार किया कि विधायक इसलिए ऐसा कर रहे हैं क्योंकि उन्हें न तो कोई देखनेवाला है और न ही कोई टोकने वाला।
राबडी ने सभी विधायकों से तैयारी के साथ सदन जाने की अपील की।
राबडी देवी ने कहा कि हमारे परिवार पर तरह तरह का दवाब डाला जा रहा है. सीबीआई आजतक दोष साबित नहीं कर सकी. हम गरीब के लिए संघर्ष करते रहे हैं और जबतक शरीर में खून है गरीबों के लिए संघर्ष करते रहेंगे. राबडी देवी ने तेजस्वी यादव पर शिवानंद तिवारी की ओर से किये गये हमले का जवाब भी इशारों ही इशारों में दिया. राबडी देवी ने कहा कि हमारे साथ आज जो भी सीनियर लीडर हैं वो सत्ता के समय भी थे. लेकिन बाद में दूसरे दल में चले गये. बाद में उन्हें एहसास हुआ तो वापस अपने घर में आ गये. वो चाहती हैं कि उनकी पार्टी से गये सभी पुराने नेता वापस अपने घर लौट आएं.
रघुवंश प्रसाद सिंह और शिवानंद तिवारी की ओर इवीएम को क्लीन चिट दिये जाने पर भी राबडी देवी ने सवाल खडे किये. राबडी देवी ने कहा कि पूरी दुनिया जान रही है कि चुनाव कैसे जीता गया. पूरे बिहार में जगह जगह ईवीएम मिले. अधिकारियों की मिलीभगत से चुनाव जीता गया है. तेजस्वी यादव का बचाव करते हुए राबडी देवी ने कहा कि तेजस्वी अकेले क्या कर सकता था. गलती हमारी भी थी. जिन लोगों को टिकट मिला वो स्थिर हो गये. पार्टी के बडे नेता चुनाव के वक्त ही घूमते हैं जबकि उन्हें अभी से लोगों के बीच घूमना चाहिए. चुनाव में हार के लिए सभी जिम्मेवार हैं. हम भी जिम्मेवार हैं।
कार्यक्रम के दौरान राबडी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर भी भडकीं. राबडी ने कहा कि आरजेडी के कार्यकर्ता अब गांव में नहीं रहते. कुर्ता पहनकर शहर चले आ रहे हैं. गावं की भूखी जनता को कोई सुननेवाला नहीं. कार्यकर्ता खुद अपना पेट भरते हैं गरीबों की नहीं सुन रहे. सबको टिकट चाहिए होता है. राबडी देवी के इस बयान से पार्टी के कुछ कार्यकर्ता नाराज भी हो गये ।कार्यकर्ताओं की शिकायत थी कि सभी नेता को ही पहचानते हैं कार्यकर्ता को कौन पहचानते हैं. ऐसे में कार्यकर्ता को दोष देना कितना सही है.
राबडी देवी ने महिला विंग की राष्ट्रीय अध्यक्ष कांति सिंह की भी सार्वजनिक रुप से क्लास लगायी. राबडी देवी ने कांति सिंह से पूछा कि वो राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते कितने जगहों पर दौरे के लिए गयीं. यहां तक की राबडी ने महिला विंग की प्रदेश अध्यक्ष को भी सार्वजनिक से अपने दौरे का हिसाब किताब देने का बात कह डाली।राबडी कार्यक्रम के दौरान अपने कार्यकर्ताओं से जुडने की भी कोशिश करती दिखीं. लेकिन ये कोशिश उनपर भारी पर गयी. दरअसल राबडी देवी ने पार्टी की वर्कर मुन्नी रजक को कुछ बोलने के लिए माइक देने की सलाह अपने कार्यकर्ता को दी. मुन्नी रजक पार्टी की गरीब कार्यकर्ता है और संगठन बढाने में जुटी हुई है. राबडी को उम्मीद थी कि मुन्नी लालू राबडी का जयकारा लगाएगी. लेकिन मुन्नी रजक ने राबडी से गरीब कार्यकर्ताओं की मदद करने की अपील कर डाली. मुन्नी की अपील सुनते ही राबडी की उम्मीदों पर पानी फिर गया।