रिपोर्ट-सुबोध कुमार
रक्सौलः बिहार में कार्यरत आशा कार्यकर्ता व आशा फैसिलेटरों की लंबित 12 सूत्री मांगों की पूर्ति के लिए अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरुआत हो गयी। जिसमें स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में भी आशा कार्यकर्ताओं ने हड़ताल करने के साथ सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। वहीं धरना प्रदर्शन कर रहे आशा संघ रक्सौल के अध्यक्ष मीना देवी ने कहा कि उनके बदौलत ही संस्थागत प्रसव, मातृ-शिशु मृत्यु दर में उपलब्धियां हासिल हुई है।
वहीं अपनी 12 सूत्री मांगों को रखते हुए कार्यकर्ताओं ने कहा कि 29 जून 2015 के समझौता के मानदेय निर्धारण सहित अन्य कार्यान्वित विन्दुओं को लागू किया जाय। आशा कार्यकर्ताओं को सरकारी सेवक घोषित किया जाय और ऐसा किये जाने तक न्यूनतम 18 हजार रुपये मासिक मानदेय लागू किया जाये।