रक्सौल: उगते सूरज को अर्घ्य दे महिलाओं ने किया छठ का पारन

रक्सौल:- सूर्य देव की आराधना व कृपा प्राप्ति हेतु महिलाएं रात से ही हाथ में पूजा व भोग के सामान से भरा सूप लेकर नदी में खड़े हो कर प्रतीक्षा करती रहीं। छठ पूजा पर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर माताओं ने 36 घंटे का उपवास तोड़ा।  उगते हुए सूरज को अर्घ्य देने के साथ ही बुधवार को चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन हो गया। व्रती माताओं ने सूर्य को अर्घ्य देकर परिवार और बच्चों की खुशहाली और उनकी लंबी उम्र की कामना की। इससे पहले आधी रात में ही व्रती माताओं के साथ उनके परिवार के लोग गाजे-बाजे के साथ छठ घाटों पर पहुंच गए। छठ माता की पूजा करने के बाद सरिसवा नदी के पानी में खड़े होकर व्रती माताएं सूर्य भगवान के उदय होने का इंतजार करती रहीं। सुबह सूर्योदय के बाद सभी व्रतियों ने सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया। इसके साथ ही 36 घंटे के निर्जला व्रत का समापन हो गया। व्रती माताओं ने घर जाकर चाय पीने के साथ व्रत का पारण किया। छठी व्रती माताओं ने इसी तरह बेटे, पति और परिवार के अन्य सदस्यों की लंबी उम्र की मंगलकामना की। रात भर रोशन रहे घाट छठ घाटों पर तड़के ही श्रद्धालु जुटने लगे। इसके चलते पूरी रात छठ घाट रोशनी से नहाए नजर आए। छठ पूजा के लिए आकर्षक ढंग से सजाए गए घाटों की आभा गुजरते वक्त के साथ बढ़ती गई। भोर होते-होते घाटों पर भीड़ काफी बढ़ गई। ऐसे में श्रद्धालु एक-दूसरे के मददगार बने। अर्घ्य के समय लोग एक-दूसरे की मदद कर उन्हें व्रती माताओं के पास अर्घ्य दिलाने के लिए भेजने में सहयोग करते नजर आए। इस मौके पर रात भर गूंजते रहे छठ गीत केरवा जे फरे ला घवद से…, कांच ही बांस की बहंगिया बहंगी लचकत जाए… आदि छठ गीत तड़के रक्सौल शहर में गूंजने लगे।

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