रक्सौल: अस्‍ताचलगामी भगवान सूर्य को पहला अर्घ्‍य, नदी-तालाबों के तट पर उमड़ा आस्‍था का जनसैलाब

रिपोर्ट-सुबोध कुमार

रक्सौल: मंगलवार को लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा पर सूर्य को अर्घ देने के लिए रक्सौल के सरिसवा नदी के बने घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। कड़ी उपवास रखकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया गया। साथ में विशेष प्रकार का पकवान ठेकुवा, और फल फूल चढाएं गये। जिसमें हजारों की संख्या में छठव्रती ने सूर्य अर्ध दिया। घाट पर श्रद्धालुओं का मेला लगा रहा। कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी पर मनाए जाने वाले पर्व को कार्तिकी छठ कहा जाता है। परिवार की सुख समृद्धि की कामना के साथ मनाए जाने वाले इस पर्व को लेकर मान्यता है कि इस व्रत को रखने वालों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। महिलाओं के साथ पुरुष भी इस व्रत को रखते हैं। छठ पर्व के उत्सव में सारे लोग नए नए कपड़े पहते है हिंदू धर्म में यह पर्व सबसे महान होता है। इस माह छठ पूजन में छठव्रती 36 घंटों का कड़ी उपवास रखकर अर्थ सूर्य भगवान को दिया गया . छठ पूजा को लेकर रक्सौल में भकुआ ब्रह्मस्थान, कस्टम चौक, परेवा ढाला, कौड़िहार चौक, नाहर चौक, बाबा मठिया, छठिया घाट लगभग दर्जनों छठ घाट बनाए गए हैं। सभी घाटों पर पंडाल लाइट व फूलों से सजाया गया है। छठपूजा को लेकर घाटों पर पुलिस बल की तैनाती भी कर रखी गयी है।

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