दिल्ली : 21 नवंबर 2017
किसान संसद के दूसरे दिन स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों पर उठाये गंभीर सवाल।
दिल्ली के संसद मार्ग पर आयोजित ‘किसान मुक्ति संसद’ में एकत्र हुए हजारों किसानों को संबोधित करते हुए स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा कि सभी किसान यहाँ नरेंद्र मोदी की ओर ऊँगली उठा कर इशारा कर रहे हैं कि उन्होंने किसानों को गर्त में धकेल दिया है।

बिहार भाजपा अध्यक्ष ने एक विवादित बयान देते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ़ उँगली उठाने वालों की वो उँगली उखाड़ लेंगे और हाथ काट लेंगे। इसी संदर्भ में बोलते हुए योगेंद्र यादव ने किसानों से कहा, “मैं श्री मोदी की तरफ़ अपनी उंगली का इशारा कर रहा हूँ क्योंकि उन्होंने देश के किसानों को धोखा दिया और लूटा है।”
मोदी सरकार पर हमला करते हुए योगेंद्र यादव ने ‘किसान मुक्ति संसद’ में आये हजारों किसानों से आग्रह किया कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वादाखिलाफी के विरुद्ध अपनी उंगलियां उठाएँ।
अपील के जवाब में हजारों किसानों ने उंगलियां उठाकर मोदी जी की नीतियों के ख़िलाफ़ एक प्रतीकात्मक विरोध जताया। इसके बाद योगेंद्र यादव ने पूछा कि देखें वे कितने लोगों की उँगली तोड़ पाते हैं और कितनों के हाथ काटते हैं।
भाषण के दौरान योगेंद्र यादव किसान-संसद में आये उन विधवाओं को संबोधित करते हुए भावुक हो गए जिनके पतियों ने क़र्ज़ के बोझ तले आत्महत्या कर ली है। महिलाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पूरा देश आपके साथ खड़ा है और हम सरकार की नीतियों के ख़िलाफ़ इस लड़ाई को मिलकर लड़ेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि यह ऐतिहासिक ‘किसान मुक्ति संसद’ किसान आंदोलनों की बदलती गतिशीलता का उदाहरण है।
योगेंद्र यादव ने कहा, “हम यहाँ सिर्फ़ मांगों के साथ नहीं आ रहे हैं बल्कि हम एक उचित समाधान के साथ यहाँ प्रस्तुत हुए हैं।
योगेंद्र यादव ने नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी जी के पास उनके निवास और कार्यालय से 5 मिनट की दूरी पर रहने वाले किसानों से आकर मिलने तक का समय नहीं है।
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) के भविष्य के कार्यकाल पर योगेंद्र यादव ने अपने भाषण में कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए एक अभियान शुरू किया जाएगा कि निर्धारित एमएसपी के नीचे कोई फ़सल नहीं बेची जाए। उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए एक देशव्यापी अभियान 26 नवंबर को उस दिन शुरू होगा जिस दिन देश के संविधान को अंतिम रूप दिया गया था और यह अभियान का समापन 26 जनवरी को उस दिन होगा जब हमारे संविधान को मंजूरी दी गई थी। अभियान की शुरुआत गुजरात में बारदोली से होगी।
योगेंद्र यादव ने कहा कि “प्रधानमंत्री मोदी व्यस्त व्यक्ति हैं। उनके पास यहाँ आकर हमसे मिलने का समय नहीं है। वो शायद गुजरात में व्यस्त हैं, इसलिए हम वहाँ जाकर इस अभियान की शुरुआत करेंगे। और यदि प्रधानमंत्री देश के किसानों को लेकर चिंतित हैं, तो उन्हें वहीं आकर हमसे मिलना चाहिए और किसान मुक्ति संसद में तैयार किये गए बिल को संसद में पास करना चाहिए।”
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