यूपी और उत्तराखंड में भाजपा, पंजाब में कांगेस का लहराया परचम : मणिपुर, गोवा में खण्डित जनादेश

modiप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के कुशल नेतृत्व में भाजपा ने उत्तर प्रदेश एवं पड़ोसी उत्तराखंड में तीन चौथाई बहुमत हासिल कर अपनी विजय का शंखनाद किया. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत उन दोनों सीटों पर हार गये, जहां से वह चुनाव लड़े थे.

राजनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में भाजपा ने सत्ता से 15 साल के बनवास के बाद अपनी धमाकेदार वापसी की है. राज्य चुनाव में सपा एवं बसपा जैसे क्षेत्रीय दलों की सीट संख्या काफी सिकुड़ गयी.

पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों को मोदी की लोकप्रियता एवं नोटबंदी पर एकतरह से जनादेश माना जा रहा था. बहरहाल, भाजपा ने उप्र में सत्तारूढ़ सपा, उसके गठबंधन सहयोगी कांगेस एवं मायावती की बसपा काफी कम सीटों पर समेट दिया.

पंजाब ने 10 वर्ष बाद सत्ता में वापसी की

पंजाब में पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की अगुवाई में कांगेस ने 10 वर्ष बाद सत्ता में वापसी की है. पार्टी ने 77 सीटें जीतीं जो दो तिहाई बहुमत से महज एक सीट कम है.  राज्य में पार्टी की जीत अमरिन्दर के लिए जन्मदिन का तोहफा है जो आज 75 वर्ष के हुए. इन चुनाव में कांगेस ने न केवल सत्तारूढ़ शिरोमणि अकाली दल.भाजपा गठबंधन बल्कि अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदर्मी पार्टी को सीट संख्या के मामले में काफी पीछे छोड़ दिया. आप पंजाब चुनाव में अपनी स्पष्ट जीत की उम्मीद कर रही थी.

मोदी की लोकप्रियता और उनकी गरीब समर्थक नीतियों को दिया जीत का श्रेय 

भाजपा नेताओं ने पार्टी की इस शानदार जीत का श्रेय मोदी की लोकप्रियता और उनकी गरीब समर्थक नीतियों को दिया और इस जीत को सुनामी करार दिया. उत्तर प्रदेश में चुनावी रणनीति को बनाने एवं उसे अंजाम देने वाले शाह ने कहा कि इस जीत ने मोदी को आजादी के बाद सबसे बड़े कद्दावर का दर्जा प्रदान कर दिया है.

up-electionभाजपा प्रमुख शाह ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”जीत का एकमात्र कारण मोदी सरकार का कामकाज रहा.” उन्होंने कहा, ”नतीजों ने मोदी में गरीब लोगों के भरोसे को दिखा दिया है. उनके राजनीतिक विरोधियों तक को स्वीकार करना होगा कि देश की आजादी के बाद वह सबसे कद्दावर नेता बनकर उभरे हैं.”  उन्होंने ट्वीट कर कहा, ”यह मोदी के नेतृत्व में भ्रष्टाचार मुक्त शासन एवं गरीब समर्थक नीतियों की जीत है.”

मतगणना के बाद भाजपा को करीब 40 प्रतिशत मतों के साथ 312 सीटें मिलीं. यदि इसमें उनके सहयोगी अपना दल एवं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की सीटें जोड़ दे तो यह संख्या 324 हो जाती. राज्य में कुल 403 सीटें हैं. निवर्तमान सदन में भाजपा के पास महज 47 सीटे हैं.

भाजपा ने इससे पहले अपना सवरेत्तम प्रदर्शन 1991 में राम जन्मभूमि की लहर के दौरान किया था जब अविभाजित राज्य की 425 सीटों में से उसे अपने बूते 221 सीटें मिलेंगी.

भाजपा ने उत्तर प्रदेश में अपना कोई मुख्यमंत्री प्रत्याशी घोषित नहीं किया था. भाजपा संसदीय बोर्ड एवं राज्य में विधायक दल की बैठक में कल मुख्यमंत्री का चुनाव किया जाएगा. साथ ही उसने राज्य में एक भी मुस्लिम प्रत्याशी नहीं उतारा था.

विकास के एजेंडे पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अगुवाई में चुनाव लड़ रहे सत्तारूढ़ सपा को चुनावी नतीजों से काफी झटका लगा है क्योंकि वह महज 47 सीटों पर सिमट गयी जबकि वर्तमान विधानसभा में उसकी 224 सीटें हैं. सपा की गठबंधन भागीदार कांगेस के पास वर्तमान में 21 सीटें हैं जो अब घटकर महज सात पर आ गयी.
सपा को लखनऊ कैंट सीट पर भारी झटका लगा जहां उनके संरक्षक मुलायम सिंह यादव की पुत्रवधू अपर्णा यादव भाजपा की रीता बहुगुणा जोशी से चुनाव हार गयीं. रीता चुनाव से पहले कांगेस छोड़कर भाजपा में आयी थीं. बसपा को महज 19 सीटों से संतोष करना पड़ा जबकि पिछले चुनाव में उसे 80 सीटें मिली थीं.

इन नतीजों के कारण भाजपा के कार्यालयों और पार्टी के दबदबे वाले क्षेत्र में जश्न मनाया जा रहा है. पार्टी के सदस्यों ने सड़कों और भाजपा कार्यालयों में मिठाई बांटी और नाच कर जीत की खुशी व्यक्त की. पार्टी के एक नेता ने कहा कि होली जो रविवार और सोमवार को मनायी जाने वाली थी, उसे एक दिन पहले मनाया जा रहा है.

पंजाब में सत्ता विरोधी लहर पर सवाल कांगेस ने 117 में 77 सीट जीती. इस कारण सत्तारूढ़ शिरोमणि अकाली दल.भाजपा गठबंधन एवं राज्य चुनाव मैदान में पहली बार उतरी आप को बहुत कम सीटों पर संतोष करना पड़ा.

पंजाब में कांगेस ने दूसरी बार इतना शानदार प्रदर्शन किया है. इससे पहले 1992 में कांगेस ने 87 सीटें जीती थीं. 77 सीटों के साथ अब पार्टी दो तिहाई बहुमत से महज एक सीट कम रह गयी है. वर्तमान विधानसभा में कांगेस की 46 सीटें हैं. इसके अलावा कांगेस ने अमृतसर लोकसभा सीट के लिए हुआ उप चुनाव भी जीत लिया है.

भाजपा को तीन सीटें मिली. आप 20 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर है. अकाली दल को 15 सीटें मिली हैं. बहरहाल, अरविन्द केजरीवाल ने राज्य में 100 सीटें जीतने का जो दावा किया था, वह उससे बहुत पीछे रह गयी. पिछले विधानसभा चुनाव में अकाली दल को 56 और भाजपा को 12 सीट मिली थीं. इस बार भाजपा को महज तीन सीट मिली है.

चंडीगढ़ में खचाखच भरे संवाददाता सम्मेलन में कांगेस के मुख्यमंत्री चेहरे अमरिन्दर सिंह ने राज्य को बदहाल करने के लिए अकाली दल को आड़े हाथ लिया तथा केजरीवाल का यह कहकर उपहास उड़ाया कि वह आंधी की तरह हैं जो आए भी और चले भी गये.

leadersउत्तराखंड में भाजपा ने 70 में 56 सीटों पर दर्ज की विजय

उत्तराखंड में भाजपा ने राज्य की 70 में 56 सीटों पर विजय शंखनाद किया तथा कांगेस महज 11 सीटों पर सिमट गयी. उत्तराखंड के 16 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी पार्टी ने इतनी अधिक संख्या में सीटें पायी हैं.

भाजपा को गोवा में मिली निराशा

भाजपा को गोवा में निराशा का सामना करना पड़ा जहां 40 सदस्यीय विधानसभा में उसकी सीट संख्या 21 से घटकर 13 हो गयी है. राज्य में कांगेस 17 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है किन्तु राज्य में खंडित जनादेश आया है. महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, गोवा फारर्वड और निर्दलीय तीन-तीन सीटों पर जबकि राकांपा एक सीट पर जीती है. राज्य में बहुमत के लिए 21 सीटों की आवश्यकता होती है.

गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पार्सेकर मांद्रे से चुनाव हार गये. इसके अलावा भाजपा के छह मंत्री भी चुनाव हार गये. गोवा चुनावों में कांगेस के चार पूर्व मुख्यमंत्रियों दिंगबर कामत, प्रतापसिंह राणे, रवि नायक एवं लुझिन्हो फलेरियो ने भी चुनावी जीत दर्ज की है. खण्डित जनादेश के कारण नवगठित गोवा फारर्वड और एमजीपी की सरकार के गठन में भूमिका रहेगी.

गोवा की वर्तमान विधानसभा में भाजपा की 21 सीटें हैं. इन चुनावी नतीजों को रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के लिए भी झटका माना जा रहा था क्योंकि उन्होंने चुनाव प्रचार की अगुवाई की थी और इस बात की अटकलें लगायी जा रही थी कि मुख्यमंत्री के रूप में उनकी वापसी हो सकती है. राज्य में काफी जोर शोर से प्रचार करने वाली आम आदमी पार्टी अपना खाता भी नहीं खोल पायी.

कांगेस सूत्रों ने बताया कि कांगेस सबसे बड़ी पार्टी होने के कारण अगली सरकार बनाने का दावा पेश करेगी और उसे निर्दलियों एवं अन्य से समर्थन मिलने का भरोसा है.  नतीजे घोषित होने के बाद पर्रिकर ने कहा कि भाजपा सरकार बनाने की दौड़ में बनी हुई है. उन्होंने पणजी में संवाददाताओं से कहा, ”यह खण्डित जनादेश है. हम छोटी पार्टियों की प्रतिक्रिया मिलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं.”

मणिपुर में भी त्रिशंकु परिणाम

गोवा की तरह ही मणिपुर में भी त्रिशंकु सदन के नतीजे आये हैं. सत्तारूढ़ कांगेस ने राज्य की 60 सीटों में से 28 सीटे मिली हैं जबकि भाजपा को 21 सीटें मिली है. हालांकि कांगेस सबसे बड़ी पार्टी होने के कारण सरकार बनाने की दौड़ में शामिल है. मणिपुर में भाजपा ने भी 21 सीट लेकर बड़ी छलांग लगायी है क्योंकि अभी उसके पास एक भी सीट नहीं है.

तीन बार से मुख्यमंत्री रहे ओकराम इबोबी सिंह ने थाउबल विधानसभा क्षेत्र से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एल बसंत सिंह को 10400 मतों से पराजित किया. मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला इबोबी सिंह के खिलाफ खड़ी हुई थीं जिन्हें मात्र 90 वोट मिले और वह चौथे स्थान पर रहीं.

मणिपुर प्रदेश कांगेस समिति के प्रमुख टी एन हाओकिप ने कहा कि उनकी पार्टी समान विचारों वाली धर्मनिरपेक्ष एवं क्षेत्रीय पार्टियों की मदद से अगली सरकार बनाएगी.

साभार – समय लाइव

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