युवाओं में आशा की किरण जगा रहे राजधानी पटना के श्रवण कुमार

पटना से अनूप नारायण सिंह की रिपोर्ट

पटना में ब्रिट अमेरिकन संस्थान के निदेशक श्रवण कुमार की पहचान एक शिक्षक के रूप में बिहार ही नहीं पूरे भारत ही नहीं विदेशों तक फैल चुकी है। 8 भाषाओं के जानकार श्रवण ने पटना में कई देशों के छात्र-छात्राएं भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी का ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं। मूल रूप से बिहार के बाढ़ जिले के रहने वाले श्रवण कुमार का बचपन आभाव के बीच अविरल रहने वाली एक मजबूत स्तंभ की कहानी है।अपने दम पर सफलता का मुकाम  प्राप्त करने वाले श्रवण आज बिहार के हजारों युवाओं के लिए स्वावलंबन के आधार स्तंभ व मिसाल बने हुए हैं। बातचीत के क्रम में श्रवण कुमार ने बताया कि अपनी असमर्थता का रोना रोते हुए कब तक निराश रहा जाए। उस से बेहतर है कि खुद अपना मुकाम बनाया जाए। इनके हौसले की कहानी शुरू होती है वर्ष 1998 से जब इन्होंने मैट्रिक की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास की, इनके पिता प्राईवेट नौकरी कर बड़े परिवार का पालन पोषण करते थे। आमदनी इतनी कम की बेटे को पढ़ने के लिए शहर भी नहीं भेज सकते थे। पटना में अपने रिश्तेदारों के यहां रहकर इन्होने इंटर की परीक्षा पास की। मेडिकल में जाना चाहते थे लेकिन अंग्रेजी कमजोर थी। लेकिन आज बिहार में अंग्रेजी ही नहीं आठ विदेशी भाषाओं के सबसे बड़े जानकार हैं। चीन जापान फ्रांस जर्मनी अफ्रीका के देशों से छात्र इनके पास आकर भाषाओं का ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं। दहेज को दरकिनार कर प्रेम विवाह करने वाले श्रवण को बिहारी होने का गौरव है। गरीब छात्रों के लिए इनके दरवाजे सदैव खुले रहते हैं। पटना के कंकड़बाग कॉलोनी मोड़ के पास अवस्थित इनका ब्रिट अमेरिकन संस्थान बिहार का श्रेष्ठ संस्थानों में शामिल हैं।

 

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