अभी 48 घंटे भी नहीं गुजरे हैं पटना के गांधी मैदान में धर्म के नाम पर हुए एक आयोजन का इधर पटना के ही गोपाल मार्केट में वेद और पुराण के ज्ञाता वह खुद को हिंदू मुसलमान की जगह हिंदुस्तानी कहलाने वाले गुरुदेव रहमान के एक छात्र कैसर रजा ने हिंदू-मुस्लिम एकता की अनूठी मिसाल पेश की है। रोहतास के रहनेवाले 18 वर्ष के कैसर रजा ने।पटना में डॉ रहमान के गुरुकुल के शिष्य कैसर रजा ने इंसानियत की मिसाल पेश की। पाली तस्वीर में रक्तदान करते रक्त वीर कैसा राजा हैं और दूसरी तस्वीर गौर से देखिए जिस में गुरु रहमान के साथ कैसर राजा खड़े है पीछे की दीवार पर पवन पुत्र हनुमान जी की तस्वीर लगी यहां से शुरू होती है हिंदुस्तान की परिकल्पना। हाजीपुर की तीन साल की नन्ही अनुष्का शर्मा के लिए काफी कम मिलने वाला O Negative ब्ल्ड की जरूरत थी।सभी परेशान थे। लेकिन जैसे ही सोशल मीडिया के माध्यम से कैसर को जानकारी मिली पहुंच गए पीएमसीएच और अपना खून देकर मासूम अनुष्का की जान बचाई। पहली बार रक्तदान करने के तुरंत बाद डॉ रहमान सर के शिष्य कैसर रजा ने कहा -ना हम धर्म देखते है न हम जात देखते है हम तो रक्तदानी है, हम इंसानियत के नाते जरूरतमंद की जान देखते है।
यहां से हिंदू मुसलमान नहीं हिंदुस्तान निकलता है…
