– पूर्वी चंपारण के डुमरिया घाट पुल के लिए राज्य व केंद्र सरकार को होना होगा गम्भीर :मनोज पासवान
– पुल के जीर्णोद्धार के लिए चरणबद्ध तरीके से होगा आंदोलन – शत्रुधन
मोतिहारी, पूर्वी चंपारण : बिहार- उत्तरप्रदेश का लाइफ लाइन सेतु डुमरियाघाट पुल इन दिनों अपने बदहाली पर आंशु बहा रहा है। विगत कई वर्षों से यह पुल अपने अस्तित्व को बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहा है। लेकिन परिणाम सिफर रहा है। फिलवक्त इस लाइफ लाइन को बचाने के लिए स्थानीय लोगों की गोलबंदी तेज हो गयी है। संघर्ष समिति ने गुरुवार को एक दिवसीय धरना देकर सरकार को कुम्भकर्णी नींद से जगाने का प्रयास किया है।
– डुमरिया घाट पुल बचाओ संघर्ष समिति का हुआ गठन
पुल को बचाने के लिए वरीय भाजपा नेता सह समाज के हित चिंतक मनोज पासवान के संयोजकत्व में डुमरियाघाट पुल बचाओ संघर्ष समिति का गठन किया गया। समिति के सदस्यों ने पुल का निरीक्षण करते हुए उसके अस्तित्व को लेकर चिंता जताई। श्री पासवान ने कहा कि देश के पूर्वी-पश्चिमी कॉरिडोर पर इस जर्जर पुल के कारण संकट गहरा गया है। जिस दिन अगर यह जर्जर पुल ध्वस्त हो गया उस दिन हादसे के साथ साथ देश के करीब एक दर्जन से अधिक राज्यो से होने वाले आयात-निर्यात, व्यापार व आवागमन पूरी तरह ठप्प हो जाएगा। जिसका सर्वाधिक खामियाजा बिहार, यूपी, नेपाल, बंगाल, असम, नागालेंड, मिजोरम, हरियाणा, पंजाब, एवं दिल्ली की केंद्र सरकार को भुगतना पड़ेगा। वहीं गांधी ग्राम चंद्रहिया के मुखिया शत्रुधन कुमार ने बताया कि यथाशीघ्र पुल का जीर्णोद्धार नहीं किया गया तो चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जायेगा।
– ये बनाये गए समिति सदस्य
चन्दररहिया मुखिया शत्रुध्न दास, धीरेंद्र सिंह, जगदीश सिंह, अशोक गुप्ता, अरविंद मिश्र, अभय श्रीवास्तव, छोटन सिंह ,पप्पू ठाकुर, भागेश्वर भगत, मुन्ना सिंह समेत कई लोग मौजूद थे