(पंकज कुमार श्रीवास्तव) मैट्रिक का परिणाम शनिवार को जारी कर दिया गया। इस बर्ष मैट्रिक परीक्षा में कुल 14,26,902 छाञ-छाञाओं ने हिस्सा लिया था। इनमें 766287 छात्र और 659222 छात्राएँ थीं। परीक्षा के लिए पूरे बिहार में 1,217 केंद्र बनाए गए थे। इस साल जमुई के “कुणाल जिज्ञासु” टॉपर रहें। bihar vने 500 में 487 नंबर लाकर पहला स्थान प्राप्त किया है। कुणाल जमुई के सिमुरतल्ला आवसीय विद्यालय के छात्र हैं। दूसरे स्थान पर”नीरज रंजन” एवं “अभिनव” तीसरे स्थान पर रहे हैं। वो भी जमुई के सिमुरतल्ला आवसीय स्कूल के छात्र हैं। बताते चलें बिहार विद्धालय परीक्षा समीति के 31 टाँपरों में से 30 छात्र तो सिर्फ जमुई के सिमुरतल्ला आवसीय स्कूल से ही हैं।
21.45 प्रतिशत छात्र प्रथम श्रेणी से, 40.01 प्रतिशत दूसरी श्रेणी और 13.68 प्रतिशत तिसरी श्रेणी से पास हुए । 208 छात्रों का रिजल्ट अभी पेंडिग है। 100 में 75.17 प्रतिशत छात्र पास हुए हैं। टॉप 10 में जमुई और बैशाली को छोड़कर कर पटना समेत किसी और जिला को कोई स्थान नहीं मिला। राजधानी पटना का रिजल्ट इस साल संतोषजनक नहीं है। प्रदेश में सबसे ज्यादा नवादा जिला के छात्रों ने बाजी मारी है। परीक्षा में शामिल 94 प्रतिशत छात्र सफल रहें हैं। दूसरे स्थान पर शेखपुरा जिला है। यहाँ 93 प्रतिशत छात्र सफल हुए है। तीसरे स्थान पर पटना का पडोसी जिला अरवल है। यहां 92.57 छात्र सफल रहे हैं। अगर बात सबसे खराब रिजल्ट की करें तो इसमें मुजफ्फरपुर जिला है।
बहरहाल मैट्रिक परीक्षा में इस बार जमुई जिले के सिमुलतल्ला आवासीय विद्यालय ने नया इतिहास रचा है लेकिन कई दुविधाओं को भी जन्म दिया है। इसी स्कूल के कुणाल जिज्ञासु ने पूरे सूबे में पहला स्थान हासिल किया है। वहीं राज्य के पहले तीस स्थानों पर इसी स्कूल के छात्रों ने बाजी मारी है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के इतिहास में शायद ये पहली बार हुआ है। सिमुलतला के अलावा टॉप 10 में शामिल एकमात्र परीक्षार्थी वैशाली के पवन कुमार झा एसएस प्लस टू स्कूल की छात्रा सोनालिजा है। बडा प्रशन है पूरे बिहार में सिमुलतला को छोड सभी स्कूलों का शिक्षा व्यवस्था चौपट हो गयी है? चुनावी वेला में एक और प्रशन जेहन में कौंध उठता है। बिहार-झारखंड बंटवारे के बाद सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 9 अगस्त 2010 को सिमुलतला आवासीय विद्यालय का उद्घाटन किया था। मैट्रिक परीक्षा के लिए विद्यालय का पहला बैच था।