मेहदार मंदिर से खाली हाथ नहीं लौटते हैं भक्त

अनूप नारायण सिंह की रिपोर्ट

बाबा महेंद्रनाथ मेहदार मंदिर बिहार मे सीवान जिला के सिसवन प्रखंड के ग्राम रामगढ में स्थित है| यह बिहार की सबसे प्राचीन शिव मंदिरो में से एक है इस मंदिर का निर्माण नेपाल नरेश महेंद्रवीर विक्रम सहदेव ने करवाया था | हिन्दुओं का ये मानना है कि यहाँ आने वाले भक्त खाली हाथ नहीं लैटते है। शिव मंदिर मेहदार सिवान मे बिहार व यूपी से लोग बाबा महेंद्र नाथ की दर्सन और पूजा करने आते है। जहा बाबा महेंद्रनाथ के दरसन करने वाले कभी निराश नही जाते। यहा रोज हजारों भक्त आते हैं। सावन मे भक्तों की संखया और बढ जाती है। मेहन्दर में बाबा के पूजा दर्शन के लिए नतरगोपालगंज, छपरा, मोतिहारी, गाजीपूर, मूजफरपूर, वैशाली, झड़खंड, यूपी इसके अतिरिकत नेपाल से भी लोग आते हैं।महेंद्रनाथ मंदिर जलाभिषेक करने से चरम रोग से छूटकारा मिलता है| ये भी मान्यता है कि शिव मंदिर मे शिव लिंग पर जलाभिषेक करने से निसंतान को संतान की प्राप्ति और चरम रोग से छूटकारा मिलता है। सैकंड़ो वर्ष पूर्व नेपाल नरेश को कुष्ट रोग हो गया था। मायूस राजा राज पाट छोड़ कर इलाज करवाने बनारस निकल पड़े और चलते चलते सिवान जिले के सिसवन परखंड के रामगढ गांव के चवर में। वहा उन्हें शौच लगा वो शौच के बाद हाथ धोने के लिए पानी तलाश रहे थे। उन्हें एक गढे मे थोड़ा सा गंदा पानी दिखा वे उस पानी से हाथ धोने लगे तो, जैसे हि गंदा पानी कुष्ट हाथ पर पड़ा तो कुस्ट और घाव दोनों ही गायब हो गया। फिर राजा ने उसी पानी से नहा लिया तो उनके पुरे शरीर से कुस्त रोग समापत हो गया| उन्होंने विश्राम किया और वही सो गए और उन्हें स्वपन मे आए भगवान शिव आये और वहाँ होने के संकेत दिए फिर राजा उनको ढूढने के लिए मिटटी खोदने को कहा, जहां उन्हें खोदने के बाद मिट्टी से एक शिवलिंग मिला।राजा ने वही एक विशाल पोखरा खोदवाया और शिव मंदिर का निरमाण करवाया जो आगे चल कर मेहंदार शिव मंदिर के नाम से प्रचलित हुवा। महेदंरानाथ मंदिर का निर्माण नेपाल नरेश महेंद्र जी ने १७ वी सदी मे करवाया था| मेहदार धाम एक पर्यटक और ऐतिहासिक अश्थल है। यह लगभग ५०० वरष पूराना धार्मिक अश्थल है। यहा सभी छोटी बड़ी देवतायो कि मुर्तिया है।

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