मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप पर बोलीं नीतीश की मंत्री मंजू वर्मा- ब्रजेश ठाकुर के 30 एनजीओ को पैसा देने वाले सारे मंत्री इस्तीफा देंगे ?

पटना. बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित बालिका गृह कांड ने सबको हिलाकर रख दिया है. सेवा संकल्प एवं विकास समिति बालिका गृह के संचालक ब्रजेश ठाकुर को गिरफ्तार किया जा चुका है. जांच सीबीआई के हाथों में है. इस मामले में राज्य की सामाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा भी सुर्खियों में हैं.

गिरफ्तार किए जा चुके जिला बाल संरक्षण अधिकारी रवि रोशन की पत्नी ने यह आरोप लगाया कि मंत्री के पति बालिका गृह अकसर जाया करते थे. मजिस्ट्रेट के सामने भी लड़कियों ने बयान दिया था कि एक बड़े पेट वाले नेताजी भी आया करते थे. इसी को लेकर तेजस्वी यादव समेत अन्य विपक्षी पार्टियां मंजू वर्मा के इस्तीफे की मांग कर रही हैं. एक न्यूज चैनल कशिश टीवी के रिपोर्टर अशोक मिश्रा से बातचीत में मंजू वर्मा ने अपने पति को निर्दोष बताया.

उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर की घटना की जितनी निंदा की जाए, कम है. जब उनसे पूछा गया कि मुजफ्फरपुर का मामला 2 महीने पहले ही सामने आ गया था, लेकिन उन्होंने बतौर मंत्री कार्रवाई के कोई आदेश क्यों नहीं दिए? इस पर उन्होंने कहा, मेरे विभाग से 110 एनजीओ चलते हैं और उनकी सबकी रिपोर्ट हमने सौंपी थी. मंजू वर्मा ने कहा कि इस मामले में देर जरूर हुई, लेकिन कार्रवाई की गई.

इस्तीफा देने से इनकार करते हुए मंजू वर्मा ने कहा कि इसका मतलब यह होगा कि मेरे पति दोषी हैं. जो लोग इस्तीफा देने की मांग करते हैं, वे सीबीआई का ध्यान भटकाना चाहते हैं. रवि रोशन की पत्नी पर उन्होंने कहा कि एक आरोपी की पत्नी ने यह आरोप लगाए हैं. उसने यह भी कहा कि उसके पास वीडियो क्लिप है.

एेसा है तो वह उसे पेश क्यों नहीं करती और वह किस हक से बालिका गृह में जाती थी. जब उनसे पूछा गया कि उनके पति चंद्रशेखर वर्मा लोगों के सामने क्यों नहीं आते तो उन्होंने कहा कि सीबीआई जब बुलाएगी तो उनके पति जाएंगे. क्या प्रेस कॉन्फ्रेंस करने से उनके पति निर्दोष साबित हो जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ मेरे विभाग से ब्रजेश ठाकुर का एनजीओ नहीं चल रहा था बल्कि उसके 30 एनजीओ को पैसा दिया गया था तो क्या सारे मंत्री इस्तीफा देंगे?

गौरतलब है कि शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि इस घटना ने हम सभी को शर्मसार कर दिया है. दोषियों के खिलाफ कोई रियायत नहीं बरती जाएगी और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए बिहार और केंद्र सरकार से जवाब मांगा है.

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