पटना, 12 दिसम्बर 2017 :
मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार बेतिया जिले के लौरिया प्रखंड स्थित फुलवरिया ग्राम के वार्ड संख्या 6 और 7 का भ्रमण कर विकास कार्यों का जायजा लिया। समीक्षा यात्रा के क्रम में फुलवरिया ग्राम निवासी जीविका संचालिका रुक्मिणी देवी, वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने वाले किसान लाल बहादुर राम, बद्री राम जैसे अन्य कई ग्रामवासियों से मुलाकात कर गाँव में सात निश्चय एवं अन्य सरकारी योजनाओं के तहत चल रही विकास कार्यों की जानकारी ली। आज पहले चरण की यात्रा का शुभारंभ पश्चिमी चंपारण जिले (बेतिया) के बगहा, ग्राम पतिलार से करने के बाद मुख्यमंत्री पश्चिमी चंपारण (बेतिया) जिले के लौरिया प्रखंड कटैया पंचायत के फुलवरिया ग्राम पहुँचे, जहाँ राजकीयकृत मध्य विद्यालय प्रांगण फुलवरिया में बने हेलीपैड पर हेलीकॉप्टर से उतरने के बाद जिला प्रशासन द्वारा उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। स्थानीय नेताओं ने मुख्यमंत्री को गुलदस्ता भेंट कर उनका स्वागत किया।
मुख्यमंत्री हेलीपैड से सीधे कटैया पंचायत के फुलवरिया ग्राम का भ्रमण करने पहुँचे, जहाँ सरकार की तरफ से चलाई जा रही विकास योजनाओं का जायजा लिया और मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना के तहत लगी पानी टंकी का शुभारंभ किया। इसके बाद विद्यालय प्रांगण में ही लगे स्वायल हेल्थ कार्ड, जैविक खेती को बढ़ावा, समेकित कृषि प्रणाली, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई एवं सघन बागवानी योजना (कृषि विभाग), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लौरिया (स्वास्थ्य विभाग), समाज कल्याण विभाग, जीविका, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, आर्थिक हल युवाओं को बल (जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र) द्वारा लगे प्रदर्शनी का मुख्यमंत्री ने बारीकियों से अवलोकन किया एवं स्वास्थ्य विभाग के स्टॉल पर बच्चे को मुख्यमंत्री ने स्वयं ड्रॉप पिलाया। इस अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हम आज से विकास कार्यों की समीक्षा यात्रा पर निकले हैं, पिछले वर्ष हम निश्चय यात्रा के क्रम सभी जिलों में गए थे।
उन्होंने कहा कि जो हमारा सात निश्चय का कार्यक्रम है, उसके साथ ही दूसरा प्रशासनिक सुधार बुनियादी ढांचा का कार्यक्रम भी चल रहा है। लोक शिकायत निवारण कानून का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सवा साल के अंदर इस कानून के जरिए दो लाख से अधिक लोगों की शिकायतों का निपटारा हो सका है। उन्होंने कहा कि लोक शिकायत निवारण कानून के जरिए जनता को यह कानूनी अधिकार दिया गया ताकि लोक शिकायत लेकर खास जगह पर जायें और विभागीय अधिकारी को आमने-सामने बिठाकर उसका निवारण किया जाए, इसके लिए सभी 101 अनुमंडल और सभी 38 जिलों में केंद्र खोले गए हैं, जहां लोक शिकायत निवारण अधिकारी की प्रतिनियुक्ति भी की गई है। जनप्रतिनिधियों से अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सबको भी लोक शिकायत निवारण केंद्र पर जाकर इसकी समीक्षा करनी चाहिए कि किस तरह से वहां पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि 25-30 निवारण केंद्र का दौरा जब मैंने किया तो देखा कि 20 साल से जिन समस्याओं का समाधान नहीं हो सका था, वह तमाम चीजें हुई और कई सुधार के बाद करवाया गया। अब रसीद कटने लगा और लोगों को कहीं दौड़ना नहीं पड़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी डी0एम0, एस0डी0ओ0 को यह कहा गया है कि लोक शिकायत निवारण कानून को अधिक से अधिक प्रचारित करें ताकि ज्यादा से ज्यादा संख्या में इसका लोग लाभ ले सकें। उन्होंने कहा कि अनुमंडल, जिलास्तर पर लोक शिकायत निवारण कानून के तहत जो भी प्रक्रिया होती है, जो भी कदम उठाए जाते हैं, उन तमाम गतिविधियों की जानकारी राजधानी पटना के केंद्रीय कार्यालय स्थित प्रशासनिक सुधार मिशन में तमाम सूचनाएं एकत्रित होती है। रिकॉर्ड को कभी भी एक बटन दबाकर देखा जा सकता है इसलिए सभी एम0पी0 एम0एल0ए0, एम0एल0सी0 पंचायत समिति सदस्य मुखिया सहित सभी जनप्रतिनिधियों को समय-समय पर अनुमंडल और जिला में बने लोक शिकायत निवारण केंद्र का दौरा कर उसकी कार्यकलापों को देखना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि 20 जनवरी 2009 को विकास यात्रा के क्रम में हम यही टेंट में रुके थे, जहां आज मंच बना हुआ है। उन्होंने कहा कि आज मुझे बहुत खुशी है क्योंकि उस वक्त जब हमने गांवों का दौरा किया था और जो बातें हुई थी, वह कितना हुआ है, उसे देखने और समझने निकले हैं। विकास यात्रा के दौरान संवाद कार्यक्रम भी होता था। सुबह के वक्त जनता के दरबार में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम भी होता था, जिसमें लोग अपनी समस्याएं सुनाते थे और आवेदन भी देते थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 साल तक जनता के दरबार में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम करने के बाद मुझे महसूस हुआ कि इसके लिए एक कानून होना चाहिए, जो लोगों की समस्याओं का निपटारा कर सके। उन्होंने कहा कि लोगों के बीच जाने से काफी कुछ सीखने और समझने का मौका मिलता है।
विकास यात्रा की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उस समय कई शिकायतें मिली थी। दिव्यांग बच्चों को सहूलियत देने से लेकर भ्रष्ट लोक सेवकों पर कारवाई करने का मसला भी लोगों ने उठाया, उसके बाद भ्रष्ट लोग लोक सेवकों की संपत्ति जप्त करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च क्षेत्र में विकास की जो नीति बनी उसका फायदा था; समाज के लोगों को अब मिलने लगा है।
2009 में लोग बिजली आने का सपना देखते थे लेकिन आज सात निश्चय योजनाओं के तहत न सिर्फ घर-घर बिजली पहुंचाई जा रही है बल्कि गांव में पक्की गली और नाली हर घर शौचालय, कुशल युवा कार्यक्रम जैसी कई विकास कार्यों के माध्यम से लोगों को सहुलियतें प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त 2012 को हमने बिजली की स्थिति में सुधार लाने की बात कही थी वरना 2015 के विधानसभा चुनाव में वोट नहीं मांगने का वायदा किया था, जिसके बाद इस पर काम शुरु हुआ और लोगों के घरों तक बिजली भी पहुंचने लगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का संकल्प है कि इस साल के अंत तक हर बसावट तक बिजली पहुंचानी है, जिसमें अब मात्र 18 दिन रह गए हैं, वही अगले साल के अंत तक कोई ऐसा घर नहीं बचेगा, जहां बिजली नहीं पहुंची हो बशर्ते लोग बिजली कनेक्शन लेने की चाहत रखें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में बिहार सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जिनमें राज्य सरकार की सभी सेवाओं में 35 प्रतिषत महिलाओं को आरक्षण प्रदान किया गया है। स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड कुशल युवा कार्यक्रम के जरिए युवाओं में व्यवहार कौशल, संवाद कौशल, कंप्यूटर प्रशिक्षण देकर उन्हें दक्ष बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी कॉलेज और यूनिवर्सिटी में मुफ्त वाई-फाई की व्यवस्था की जा रही है ताकि अगर कोई विद्यार्थी इंटरनेट के माध्यम से किताब पढ़ना चाहें तो वाई-फाई का इस्तेमाल कर सकता है। उन्होंने कहा कि बिहार में 5 नए मेडिकल कॉलेज खुल रहे है। हर जिले में महिला आई0टी0आई0, इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक कॉलेज जैसे अन्य कई शैक्षणिक संस्थाएं और प्रशिक्षण संस्थाएं खोली जा रही है ताकि बिहार के युवाओं के कौशल और मेधा को बढ़ाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज सुधार की दिशा में भी शराबबंदी, दहेज प्रथा उन्मूलन, बाल विवाह उन्मूलन बिहार को नशामुक्त बनाने जैसे कदम उठाए गए हैं और इसके लिए सशक्त अभियान भी चलाया जा रहा है, जो महिलाओं की मांग पर है शुरू की गई है इसलिए महिलाओं को निरंतर सजग रहकर इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि आज भी जो दो नंबरी अवैध तरीके से शराब का कारोबार करने में चंद गिने-चुने लोग जो झूठे हैं, उन पर कार्रवाई हो सके और इसके लिए लोगों को प्रेरित करने की भी आवश्यकता है ताकि लोग जहरीली शराब पीने से बच सकें। रोहतास और वैशाली में जहरीली शराब पीने से मौत की जो घटना घटी, उसका जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं को लोगों को समझाना चाहिए कि अगर वह अवैध कारोबार करने वाले लोगों का शराब अगर पियेंगे तो वह अपने जीवन से हाथ धो बैठेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का काम सामाजिक जागरुकता लाना है लेकिन यह आमलोगों की हिस्सेदारी के बिना मुमकिन नहीं है।
उन्होंने कहा कि चम्पारण शताब्दी वर्ष के मौके पर बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान शुरू की गई है क्योंकि बाल विवाह के कारण कई बीमारियां फैलती हैं, जिसका शिकार जच्चा और बच्चा दोनों होता है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी और नशामुक्ति को लेकर 21 जनवरी 2017 को मानव श्रृंखला बनी थी, इसमें चार करोड़ लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी, जो एक रिकॉर्ड था। ठीक उसी प्रकार इस बार 21 जनवरी 2018 को शराबबंदी, नशामुक्ति बाल विवाह उन्मूलन, दहेज प्रथा उन्मूलन के खिलाफ मानव श्रृंखला बनने जा रहा है जो आज से 40 दिन बाद बनेगा। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि इस बार के मानव श्रृंखला में आप और अधिक से अधिक लोग भाग लें ताकि समाज सुधार की दिशा में चल रहे सशक्त अभियान को और मजबूती मिल सके और लोगों के बीच एक संदेश जाए। जनसभा में मौजूद लोगों को मुख्यमंत्री ने हाथ उठाकर मानव श्रृंखला में उपस्थित होने का संकल्प दिलाया। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि अगर गांव में कोई दहेज ले तो उस शादी में आप भागीदार ना बनें, तब शायद लज्जा के कारण लोग दहेज लेना और देना बंद करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आप हाथ उठाकर शाम के वक्त संकल्प लिए हैं, इसे भूलिएगा नहीं याद रखिएगा और 21 जनवरी 2018 को मानव श्रृंखला में आप जरूर शामिल होकर बाल विवाह शराबबंदी, नशामुक्त समाज और दहेज प्रथा के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को सशक्त बनाने में भागीदारी सुनिश्चित कीजिएगा। इससे न सिर्फ पिछले साल का रिकॉर्ड टूटेगा बल्कि एक नया रिकॉर्ड बनेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी यात्रा का शुभारंभ वे चंपारण की धरती से करते हैं क्योंकि चम्पारण के प्रति उनका काफी लगाव है और मन में इस धरती के प्रति सम्मान का भाव भी है। उन्होंने कहा कि इस इलाके के लोग नीलहों के अत्याचार से काफी परेशान थे, जिन्हें पंडित राजकुमार शुक्ल ने गांधी जी को बुलाकर किसानों को नीलहों के अत्याचार से मुक्ति दिलाई, जिसे चम्पारण सत्याग्रह के नाम से जाना गया आजादी की लड़ाई में चंपारण सत्याग्रह के कारण एक नया मोड़ आया और 30 साल बाद ही मूल्क आजाद हो गया। जनसभा को संबोधित करने के पूर्व मुख्यमंत्री ने कुशल युवा प्रोग्राम स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड राशन कार्ड राजस्व विभाग के तहत बसेरा और बंदोबस्ती पर्चा लाभुकों के बीच वितरित किया गया।
इस अवसर पर सांसद श्री सतीष चन्द्र दूबे, विधायकगण, विधान पार्षदगण, मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह, पुलिस महानिदेषक, श्री पी0के0 ठाकुर, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीष चन्द्रा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, विभिन्न विभागों के प्रधान सचिव/सचिव, मुख्यमंत्री के विषेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह सहित कई गणमान्य व्यक्ति एवं अन्य जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
विज्ञापन….