मुख्यमंत्री ने तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय राजगीर महोत्सव का किया उद्घाटन

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पटना, 27 नवम्बर 2017 :- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने राजगीर के अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय राजगीर महोत्सव 2017 का विधिवत उद्घाटन द्वीप प्रज्ज्वलित कर किया। अंतर्राष्ट्रीय राजगीर महोत्सव के उद्घाटन के बाद जिला प्रशासन द्वारा अधिष्ठापित 30 सीसीटीवी कैमरे का मुख्यमंत्री ने रिमोट के जरिये लोकार्पण किया। राजगीर महोत्सव एक सफरनामा स्मारिका का विमोचन भी मुख्यमंत्री ने किया। समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने 48 घंटे के अंदर आयोजन स्थल को स्थानांतरित कर सुंदर एवं भव्य आयोजन की व्यवस्था करने के लिए पर्यटन विभाग के साथ ही जिला प्रशासन को विशेष तौर पर बधाई देते हुए आमजनों को अंतर्राष्ट्रीय राजगीर महोत्सव की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि विगत कई वर्षों से यह आयोजन अजातशत्रु किला मैदान में होता रहा है लेकिन वह मैदान एक आर्कियोलॉजीकल साइट है, ऐसी धरोहरों की रक्षा हम सबको करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मैंने यह तय किया है कि अब अजातशत्रु किला मैदान का उपयोग किसी भी आयोजन के लिए नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अंतर्राष्ट्रीय राजगीर महोत्सव में काफी संख्या में लोग शरीक होते हैं, ऐसे में जगह-जगह दुकानदारों द्वारा या आगन्तुकों को ठहराने के लिए टेंट लगाये जाते हैं, जो अच्छी बात नहीं है क्योंकि अजातशत्रु किला मैदान एक आर्कियोलॉजीकल साइट है और इसमें छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। पंच पहाड़ियों से घिरी राजगीर की ऐतिहासिक, पुरातात्विक और पौराणिक महत्ता का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर की यह धरती एक महान स्थल और ऐतिहासिक भूमि है जो मगध साम्राज्य के राजा जरासंध की राजधानी थी। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में बिम्बिसार के समय से राजगीर के विषय में सब मानते हैं कि यहां अजातशत्रु ने अपने पिता को ही कैद कर दिया था। भगवान बुद्ध ज्ञान प्राप्ति के बाद और जब ज्ञान प्राप्ति के लिए घूम रहे थे उस दौरान भी वे राजगीर आये थे, जहां बिम्बिसार ने भगवान बुद्ध को वेणु गार्डन जो उनका रॉयल गार्डन था, उसमें ठहराए थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर बहुत ही महत्वपूर्ण जगह है जहाँ भगवान महावीर के पंच पर्वत का भ्रमण करेंगे तो जैन धर्म के अनेक मन्दिर आपको देखने को मिलेंगे। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन के क्रम में राजगीर के अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर की चर्चा करते हुए कहा कि जो भी इस जगह पर आते हैं, प्रसन्न होकर लौटते हैं। इस अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर की डिजाइन, इसकी बनावट और पहाड़ियों के बीच बसा यह सेंटर हर किसी को अपनी ओर आकृष्ट करता है, जिसका परिणाम है कि अब तक कोई भी ऐसी राजनैतिक पार्टी नहीं बची है, जिसने इस अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में अपना सम्मेलन नहीं किया हो। पार्लियामेंट की तरफ से भी कई कार्यक्रम यहाँ आयोजित किये गए हैं। उन्होंने कहा कि कन्वेंशन सेंटर के ठीक सामने पांडु पोखर है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां पाण्डव आये थे, जिसको ध्यान में रखते हुए उसे बेहतरीन ढंग से सजाया, संवारा गया है। आर्कियोलॉजीकल सर्वे ऑफ इंडिया की कार्य प्रणाली पर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्कियोलॉजीकल सर्वे ऑफ इंडिया की भी कोई ड्यूटी है या नहीं, यह समझ से परे है। उन्होंने कहा कि जिन स्थानों की खुदाई से इतिहास के पन्नों पर पड़े धूल की परत को हटाया जा सकता है, उन स्थलों की खुदाई के प्रति ए0एस0आई0 की कोई रुचि ही नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर की खुदाई का काम अधूरा पड़ा हुआ है। तेल्हाड़ा विश्वविद्यालय की खुदाई के लिए भी मैंने पूरी कोशिश की, बावजूद इसके ए0एस0आई0 के कान पर जूं तक नही रेंगा क्योंकि उसे तो कुछ करना ही नहीं है। उन्होंने कहा कि हमने स्वयं अनुमति लेकर खुदाई कराया तो ईसा पूर्व एक शताब्दी तक के समय का पता चला और वहां कई ऐसी धरोहरों के बारे में पता चला। ऐसे में अगर नालन्दा खण्डहर की खुदाई होती तो और भी पुरानी चींजे निकलती। उन्होंने कहा कि स्टॉल निरीक्षण के क्रम में हमने पाया कि नालन्दा विश्वविद्यालय के लोग आधुनिक चीजों पर काम कर रहे हैं जिसको देखते हुए मैंने कहा कि इसकी ऐतिहासिक, पौराणिक और पुरातात्विक महत्ता को केंद्र में रखकर ही कोई भी काम होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजगीर में सबसे पुराना साइक्लोपीयन वॉल है, जिसे वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि लखीसराय के जयनगर में दो दिन पहले लाल पहाड़ी की खुदाई का काम राज्य सरकार की पहल से शुरू हुई है, जहां कृमिला शहर था, जो बौद्ध विहार था। कृमिल आनंद के मित्र और भगवान बुद्ध के शिष्य थे। उन्होंने कहा कि ए0एस0आई0 बिहार सरकार की अपेक्षा के अनुरूप काम नहीं कर रही है। राजगीर से सम्बंधित हर स्थल वह चाहे पांडु पोखर, घोड़ा कटोरा, गृद्धकूट पर्वत या अन्य जो भी जगह है, उसका विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि 48 साल पहले जो रोपवे बना था, उसका उद्घाटन हुआ है, वह देश का पहला रोपवे है और अब एक से अधिक लोगों को एक साथ बैठने वाला रोपवे भी बनाया जा रहा है। राजगीर पर्यावरण की दृष्टि से भी सम्पन्न इलाका है, जो भी रिसर्च को इच्छुक है, वो यहां जरूर आते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पिताजी वैद्य थे, उनका एक आदमी हर रोज यहां आया करता था जड़ी-बूटी के लिए। राजगीर में जू सफारी भी बन रहा है और उससे भी आगे बढ़कर नेचर सफारी पर काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि राजगीर में जो कुछ भी है उन सबको लोगों के सामने उभारकर लाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी वर्ष के प्रारंभ में हमलोगों ने 350वां प्रकाष पर्व मनाया था और अभी इस साल के अंत में 351वां प्रकाशपर्व दिसम्बर माह में मना रहे हैं। सिख समाज के लोगों ने यह तय किया है कि एक सुंदर गुरुद्वारा राजगीर में बनवाएंगे। उन्होंने कहा कि क्या कारण है कि मकदूम कुंड और ब्रह्मकुंड का पानी गर्म रहता है, जबकि गुरुनानक देव जी जहां रह रहे थे, उस कुंड का पानी ठंडा रहता है। उन्होंने कहा कि मलमास का मेला जो 3 साल पर लगता है, उसमें 33 करोड़ देवी-देवता आते हैं, बैतरणी भी यही है ऐसे में कोई धर्मं नही बचा है, जिसका इस राजगीर से सम्बन्ध नहीं हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी प्रतिबद्धता और मनोयोग से राजगीर महोत्सव का आयोजन राज्य सरकार करती है और कुछ लोग मजाक में ही मेरी समाधि इसी धरती पर बनाने की बात करते हैं, यह मेरे लिए अहोभाग्य होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों ने हमे मौका दिया है काम करने का और मैं लोगों की सेवा में निरंतर लगा हुआ हूँ लेकिन कुछ लोग सत्ता में आने पर रूपये कमाने में रुचि रखते हैं। उन्होंने कहा कि समाज में प्रेम और सद्भाव का माहौल कायम रखते हुए अपने अतीत और इतिहास के प्रति युवा पीढ़ी में रुचि जगाना हमारा लक्ष्य है। इस दिशा में काम आगे बढ़ रहा है और इसी की बदौलत बिहार अपने गौरव को पुनः पाने में कामयाब होगा। उद्घाटन समारोह में शरीक होने से पूर्व मुख्यमंत्री ने कन्वेंशन सेंटर के समीप जापानी मंदिर स्थित हॉकी मैदान परिसर में लगे ग्राम श्री मंडप एवं बिहार खादी मेला सह प्रदर्शनी का फीता काटकर उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने वहां लगाए गए सैंकड़ों स्टालों का निरीक्षण किया। ग्राम श्री मंडप में उन्होंने जीविका द्वारा शराबबंदी, दहेज प्रथा एवं बाल विवाह के विरुद्ध लगाए गए स्टॉल पर काफी समय व्यतीत किया और लगाई गयी प्रचार सामग्री को गौर से देखा। इस अवसर पर पर्यटन मंत्री श्री प्रमोद कुमार, संसदीय कार्य मंत्री श्री श्रवण कुमार, ग्रामीण कार्य व नालंदा जिला के प्रभारी मंत्री श्री शैलेश कुमार, सांसद श्री कौशलेंद्र कुमार, विधायक डॉ जितेंद्र कुमार, विधायक श्री रवि ज्योति, विधायक श्री चंद्रसेन प्रसाद, राज्य योजना पर्षद के सदस्य श्री संजय झा, विधान पार्षद श्रीमती रीना यादव, जिला परिषद अध्यक्ष सुश्री तनुजा कुमारी, नगर निगम की महापौर श्रीमती मीना कुमारी, नगर पंचायत राजगीर की अध्यक्ष श्रीमती उर्मिला देवी, पर्यटन विभाग के सचिव श्री पंकज कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीश चन्द्रा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, नालंदा के जिलाधिकारी डॉ0 त्याग राजन, नालंदा के एस0पी0 श्री सुधीर कुमार पोरिका के साथ ही पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन के वरीय अधिकारी एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इस उद्घाटन समारोह में सर्वधर्म प्रार्थना का भी आयोजन किया गया जिसमें 6 धर्मों के गुरुओं ने मंगलाचरण किया। पर्यटन विभाग के सचिव श्री पंकज कुमार ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिन्ह भेंट किया, जबकि जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री को शॉल भेंट किया। इस मौके पर अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त गायक पद्मश्री हरिहरण ने अपनी गायिकी से समां बांधा, जिसका वहां मौजूद लोगों ने भरपूर लुत्फ उठाया।

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