मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रथम मुफ्ती मोहम्मद सईद अवार्ड फोर ‘‘प्रोबिटी इन पॉलिटिक्स एण्ड पब्लिक लाइफ’’ से नवाजा गया

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8 जनवरी 2018:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार को आज जम्मू-कष्मीर के जनरल जोरावर सिंह ऑडिटोरियम में जम्मू-कष्मीर सरकार द्वारा प्रथम मुफ्ती मोहम्मद सईद अवार्ड फॉर ‘‘प्रोबिटी इन पॉलिटिक्स एण्ड पब्लिक लाइफ’’ से नवाजा गया। यह अवार्ड जम्मू-कष्मीर के राज्यपाल एस0एन0 वोहरा द्वारा मुख्यमंत्री को दिया गया। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को टोपी और अंगवस्त्र भेंट किया। इस अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं सबसे पहले आज के इस अवसर पर मोहतरमा महबूबा मुफ्ती जी को हृदय से धन्यवाद देता हूॅ कि उन्होंने मुफ्ती साहब की स्मृति में इस वक्त से एक नये कार्यक्रम की शुरूआत की है। इसी अवसर पर उन्होंने मुझे मुफ्ती साहेब की स्मृति का एक सम्मान ‘‘प्रोबिटी इन पॉलिटिक्स एण्ड पब्लिक लाइफ’’ देने का निर्णय किया। इसके लिये मैं उनका आभारी हूॅ। जब इसकी सूचना मुझे दी गयी तो मुझे बहुत प्रसन्न्ता हुयी। मुफ्ती साहब के साथ जो हमारा संबंध रहा है वह बहुत आला है। जब केन्द्र में वी0पी0 सिंह जी के नेतृत्व में सरकार बनी थी और मुफ्ती साहब होम मिनिस्टर थे, उस सरकार में भी मुझे राज्य मंत्री के रूप में कुछ काम करने का मौका मिला था, वो तो अपनी जगह पर है लेकिन जब एक पॉलिटिकल पार्टी के रूप में जनता दल बना और उसमें जो उनकी भूमिका थी, उस पार्टी के नेशनल प्रेसिडेंट वी0पी0 सिंह जी थे, उन्होंने पार्टी की एक पॉलिटिकल अफेयर्स कमिटी बनायी थी। उसमें सबसे पहले मुख्य बातों पर वे चर्चा किया करते थे। उस कमिटी में मैं भी मेंम्बर था। कई बार मुफ्ती साहब के घर पर उस पॉलिटिकल अफेयर्स कमिटी की मीटिंग हुयी थी और उसमें मैं शामिल हुआ था। उस मीटिंग में मुफ्ती साहब प्यार से पेश आते थे और वहॉ जब-जब मीटिंग हुयी, उनके आवास पर हमलोंगो को खाना खाने का भी अवसर मिला। जब मुफ्ती साहब जम्मू-कष्मीर के मुख्यमंत्री बने, उन्होंने पी0डी0पी0 का गठन किया और 2002 में मुफ्ती साहब के नेतृत्व में यहॉ सरकार बनी। जिस ढंग से उन्होंने यहॉ के माहौल को बेहतर बनाया, उसके बाद बड़ी संख्या में देश विदेश के लोग जम्मू-कष्मीर में आने लगे, वह सब हमें याद है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उस समय केन्द्र में आदरणीय अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व में एन0डी0ए0 की सरकार थी। उस सरकार में मैं रेल मंत्री था। पूरे देश में रेल विस्तार के लिये जो काम करना था, मैंने किया। साथ ही प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का मुझे बहुत स्नेह मिलता था। रेलवे की हर योजना को मंजूरी मिलती थी। जम्मू-कष्मीर के लिये जो रेल की परियोजनायें थीं, उधमपुर, कटरा, काजेपुर, बारामुला। इसका निर्णय अटल जी के सरकार बनने के पूर्व हुआ लेकिन काम प्रारंभ नहीं हो पाया। उसमें कई तरह की गलतफहमियॉ थीं। अंततोगत्वा इस पर काम प्रारंभ हुआ और मुझे याद है कि मैं 2003 में कष्मीर आया और रेलवे के चल रहे कामों का निरीक्षण किया। कटरा से काजीपुर के बीच में जिस प्रकार का वह स्ट्रक्चर है, जितने टनेल और जितने ब्रिजेज और जितनी कठिनाई है, ऐसा रेलवे में पूरे देश में नहीं है। इन सब चीजों को देखने का मौका मिला। उस समय मुफ्ती साहब यहॉ के मुख्यमंत्री थे, उनसे मिले और उन्होंने मुझे जो स्नेह दिया पहले ही से मुझे वह मानते थे। उन्होंने मुझे अपने आवास पर बुलाया और जब मैं आवास पर उनसे मिलने गया, उसी समय हमारी मुलाकात महबूबा मुफ्ती साहिबा से भी हुयी। इन सभी चीजों को हम भूले नहीं हैं, हमें याद है। उन्होंने कहा था कि यह जो रेल का नया इतना बड़ा नेटवर्क बन रहा है, यह बने, यह अच्छी बात है, लेकिन कम समय में बनना चाहिये। जल्दी से जल्दी बनना चाहिये, कम से कम कष्मीर वैली में रेललाइन बने और वह ऑपरेषनलाइज करे। इस बात को फिर पूरे तौर पर मंजूरी दी गयी थी और उसी सिलसिले में उनकी ख्वाहिष थी कि कष्मीर में जो भी काम हो, यहॉ के इतिहास को देखते हुये उसके डिजाइन में इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब श्रीनगर के रेलवे स्टेषन का काम चल रहा था तो मुझे अच्छी तरह याद है कि हमने कहा कि आप भी उसको एक बार देख लें और फिर अगले दिन सुबह में मैं भी उनके साथ श्रीनगर रेलवे स्टेषन को देखने गया। उसे देखकर वे बहुत प्रसन्न हुये और मेरी बड़ी प्रषंसा की। मैं इन बातों को कैसे भूल सकता हूॅ। वे मुझे लेकर हेलिकॉप्टर से गुलमर्ग भी गये। यह सब चीज मुझे अच्छी तरह याद है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार से भी मुफ्ती साहब का लगाव था, जो स्नेह का भाव था, प्रेम का भाव था, उसे हम नहीं भूल सकते हैं। आज मुफ्ती साहब की याद में आप यह प्रोग्राम कर रही हैं और उसमें लॉर्ड मेघनाथ देसाई जी भी षिरकत कर रहे हैं। लॉर्ड मेघनाथ देसाई जी से हमारा पुराना रिष्ता है। जब नालंदा यूनिवर्सिटी को फिर से रिवाइव करने की बात सामने आयी तो हमने अपने स्टेट में इसके लिये लॉ बनाया। बाद में केन्द्र सरकार से अपील किया और केन्द्र सरकार ने भी सहमति दी। संसद से भी लॉ बना और उसके लिये जो भी जमीन हमलोगों ने नये सिरे से बनाने के लिये एक्वायर किया, सब केन्द्र सरकार को सुपुर्द किया। नालंदा यूनिवर्सिटी को रिवाइव करने में लॉर्ड मेघनाथ देसाई जी की बड़ी भूमिका रही। उस यूनिवर्सिटी को गवर्न करने के लिये जो एडवाइजरी बोर्ड गठित हुआ, उन सबों में लॉर्ड मेघनाथ देसाई जी का योगदान रहा, अमर्त्य सेन जी का भी योगदान रहा। ये हर मीटिंग में पटना आते थे। हर बार इनसे मिलने का अवसर मिलता था, इनकी बातों को सुनते थे। हमारे बिहार में ये कई प्रोग्राम में जाते थे, इधर कुछ दिनों के बाद यहॉ उनसे मिलने का मौका मिला है। इससे मुझे बड़ी खुषी हुयी और हम चाहेंगे कि ये आते रहें और हम महबूबा मुफ्ती साहिबा जी से भी आग्रह करेंगे कि जैसा मुफ्ती साहब का लगाव बिहार से था, आपने भी उस लगाव को दिखा दिया है। हम आपसे आग्रह करेंगे कि आप भी बिहार आयें। जो कुछ भी हमसे संभव हुआ है, हमने बिहार में करने की कोशिश की है। उसी आधार पर आज आपने मुझे पुरस्कृत किया। राज्यपाल महोदय के हाथ से मुझे यह सम्मान दिया गया। यह मेरे लिये खुषी की बात है और बिहार के बारे में लोगों की राय कैसी थी, अब वह राय बदल गयी है। हम बिहार में हर क्षेत्र के विकास के लिये काम कर रहे हैं। ग्रोथ विद जस्टिस हमारा सिद्धांत है। हम उसी के आधार पर काम कर रहे हैं। हम पर्यावरण का, हमारी पुरानी आर्कियोलॉजी का ख्याल रखते हैं। हमारे बिहार में प्रेम, भाईचारा और सद्भाव का माहौल है। इसको और बढ़ाने की कोषिष की गयी। रूल ऑफ लॉ स्टैबलिष किया गया। ये सारे काम किये गये और उसके साथ-साथ हमलोगों को यकीन है कि सर्वधर्म समभाव हो और सब लोगों की इज्जत होनी चाहिये। बिहार में तो बहुत कुछ है लेकिन गुरू गोविन्द सिंह जी महाराज जी का पिछले साल 350वां प्रकाष पर्व था और उसका शुकराना समारोह अभी दिसम्बर में हुआ है। यह सब कुछ इस ढंग से हुआ कि देष भर से आये सिख श्रद्धालुओं को आष्चर्य हुआ कि बिहार में इस तरह का इंतजाम और प्रोग्राम हुआ। लोग न जाने बिहार के बारे में क्या सोचते थे। इस कार्यक्रम से लोगों की भावना में बदलाव हुआ कि बिहार में सिख समुदाय के लोग बहुत कम हैं, फिर भी इस तरह का आयोजन हमने किया। यह हमारे लिये गौरव की बात है कि श्री गुरू गोविन्द सिंह जी का जन्म बिहार की धरती पर हुआ। इस तरह के प्रोग्राम को करना हम अपना कर्तव्य और ड्यूटी मानते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने विकास के साथ-साथ समाज सुधार पर भी ध्यान दिया है। हमने बिहार में शराबबंदी लागू की और अब बाल विवाह और दहेज प्रथा के विरूद्ध हमारा अभियान चल रहा है। यह जो दहेज प्रथा थी, पहले सम्पन्न लोगों के बीच थी लेकिन अब यह आम लोगों के बीच में प्रचलित हो गयी है। इससे कितना नुकसान हो रहा है। पिछली बार जब शराबबंदी के पक्ष में मानव श्रृंखला 21 जनवरी 2017 को बनी, उसमें चार करोड़ लोगों ने भाग लिया था, जो रिकॉर्ड है और इस बार फिर मानव श्रृंखला बनेगी, बाल विवाह और दहेज प्रथा के विरूद्ध और मुझे पूरी उम्मीद है कि सारे बिहार के लोग उसी तरह सड़कों पर मानव श्रृंखला के लिये आयेंगे। विकास पर ध्यान देना राजनीति में बहुत जरूरी है। पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ काम करना चाहिये। गॉधी जी के चम्पारण सत्याग्रह का भी हमलोग 100वां साल मना रहे हैं। गॉधी जी ने एक बहुत बड़ी बात कही थी कि यह जो धरती है यह आपकी जरूरत पूरा करने में सक्षम है न कि लालच को। हर क्षेत्र में पारदर्षिता रहनी चाहिये। हम सब पारदर्षी तरीके से सार्वजनिक जीवन में काम करें तो यही सही मायने में देष और जनता की सेवा है। हमारे मुफ्ती साहब इन चीजों में बड़ा यकीन रखते थे। देष में पहली बार मुस्लिम समुदाय से कोई नेता गृह मंत्री बना तो वे मुफ्ती साहब थे। वे अपना काम करते थे। उसके बाद भी हमलोगों ने एक पॉलिटिकल लीडर के रूप में उनके काम को देखा है। उन्होंने जम्मू-कष्मीर के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुये हमेषा प्रेम और सद्भाव का संदेष दिया। झगड़े से किसी मसले का हल नहीं निकल सकता, जब हल निकलेगा तो प्रेम और बातचीत के जरिये ही निकल सकता है। हम सब उनकी इस राय को हमेशा इज्जत के साथ सुनते और समझते रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज इस अवसर पर महबूबा मुफ्ती साहिबा ने मुझे बुलाया और मुझे आप सबके बीच आने का मौका मिला, यह मेरे लिये गौरव की बात है। मुझे यह सम्मान बिहार में काम करने के लिये मिला लेकिन यह काम मेरे अकेले का नहीं है। हमारे सहयोगी उप मुख्मयंत्री श्री सुषील कुमार मोदी जी भी बैठे हैं। हम सब लोग इस काम में बराबर के भागीदार हैं। हमारे काम को बिहार की जनता के हर तबके का समर्थन मिलता है। उसी के चलते बिहार में आज परिवर्तन आया है। यह सम्मान जो मुझे आपने दिया है, यह पूरे बिहार की जनता का सम्मान है। इसके लिये मैं आपको हृदय से धन्यवाद देता हूॅ और पुनः मैं कहूॅगा कि आप थोड़ा वक्त निकालिये और बिहार आकर वहॉ के काम को देखिये। मुझे बड़ी खुषी हुयी जब यहॉ आने का प्रोग्राम था। आपने जो असंगठित मजदूरों के लिये काम किया है, वह हमें बहुत अच्छा लगा। हम भी उस क्षेत्र में काम कर रहे हैं। यहॉ आकर मुझे पता चला कि तीन से चार लाख असंगठित मजदूर हैं और आज ही से यह योजना लागू होने वाली है। मैं इसके लिये आप सभी को और आपकी सरकार को बधाई देता हूॅ। इसी तरीके से समाज के हर तबके का हमलोगों को ख्याल रखना चाहिये। इस अवसर पर जम्मू-कष्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी मुख्यमंत्री को अंगवस्त्र भेंट किया। इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर के उप मुख्यमंत्री श्री निर्मल कुमार सिंह, बिहार के उप मुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी, लॉर्ड मेघनाथ देसाई सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति, अधिकारीगण एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

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