पटना 21-11-2017:
आज पटना हाईकोर्ट ने मुखिया महासंघ द्वारा दायर दो याचिकाओं 8698/2017 एवं CWJC 9299/20167 को रद्द करते हुए सरकार की यथास्थिति को बहाल रखा है। पटना हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण गली-नाली पक्कीकरण योजना को लेकर आज यह महत्वपूर्ण निर्णय दिया। सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का कार्यान्वयन WIMC के माध्यम से वार्ड सभा की सीधी निगरानी और निर्देश के तहत होना है।

इसके कार्यान्वयन के तरीकों को लेकर मुखियाओं ने विरोध किया था जिसके बाद मुखिया महासंघ ने पटना हाईकोर्ट में रिट याचिका 22 जून 2017 को दायर की थी। सरकार ने हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि इस अधिनियम के तहत जो प्रावधान किए गए हैं उससे ग्राम पंचायतों के स्वशासन के तहत बेहतर और उपयुक्त कार्य परिणाम सामने आएंगे। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद माननीय हाईकोर्ट की डबल बेंच ने 7 नवंबर 2017 को फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज इस मामले में माननीय पटना हाईकोर्ट ने विस्तृत फैसला सुनाते हुए कहा कि सरकार को यह पूर्ण अधिकार है कि वह पंचायतों के मामलों में कानून बना सकती है। हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार WIMC( Ward Implementation and Management Committee) के तहत कार्यान्वित होने वाली योजना के संबंध में निर्देश दे सकती है और इस कमेटी द्वारा बेहतर एवं उपयुक्त कार्य निष्पादन के लिए अध्यादेश अथवा कानून ला सकती है।

हाईकोर्ट के फैसले के बाद उम्मीद जतायी जा रही है कि अब मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना और मुख्यमंत्री ग्रामीण नाली-पक्कीकरण निश्चय योजना WIMC के तहत तेज गति से अपने समय में पूर्ण होगी।