पटना, 18-01-2018 :
वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के शहादत दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय अपराध विरोधी मोर्चा की ओर से कंकड़बाग में ‘‘ महाराणा प्रताप एवं आज की राजनीति’’ विषय पर संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष धनवन्त सिंह राठौर ने कहा कि भारतीय इतिहास के जिस पुरोधा ने अपने कृतियों से भारतीय राजनीति में अंतिम दम तक दुश्मनों के आगे न झुकने का मिसाल कायम किया, उसी को आज राष्ट्र भूलता जा रहा है। उन्होंने महाराणा प्रताप की पुण्य तिथि को ‘‘ राष्ट्रीय दिवस ’’ के रूप में मनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए श्री राठौर ने राजधानी में महाराणा प्रताप की आदमकद प्रतिमा स्थपिता करने की मांग सरकार से की। साथ ही सभी विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में महाराणा प्रताप की जयंती और शहादत दिवस पर कार्यक्रम शुरू करने की भी मांग केन्द्र व राज्य सरकार से की ताकि आज के युवाओं में राष्ट्र पे्रम की भावना को जगाया जा सके। महाराणा प्रताप ने बहादुरी व देशभक्ति की ऐसी इबारत लिखी जो आज भी लोगों के कण-कण में व्याप्त है। खुद को बचाकर और सही मौके पर रणभूमि में अपना युद्ध कौशल दिखाकर जिस तरह से दुश्मनों के दांत खट्टे किए ऐसा दूसरा उदाहरण इतिहास में कही नहीं मिलता। प्रताप ने राजसता का सारा सुख त्याग पहाड़ों में शरण लिया और घास की रोटी खाना पसंद किया। ऐसे महापुरूष से आज के राजनेताओं के साथ-साथ युवाओं को भी सीख लेने की जरूरत है।
संगोष्ठी के मुख्य वक्ता पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता महेन्द्र प्रताप ने कहा कि महाराणा प्रताप भारतीय इतिहास के वह नक्षत्र है जो सदा ही चमकते रहेंगे। महाराणा प्रताप के आदशों को अपना कर ही आतंकवाद और उग्रवाद पर काबू पाया जा सकता है। बड़े ही दुःख की बात है कि जिस देश को महाराणा प्रताप जैसा सपूत मिला वही देश आज अपनी अस्मिता को खोता जा रहा है। आज के युवा अगर महाराणा प्रताप के आदर्श और जीवनी को अपने अन्दर उतार लें, तो आने वाले दिनों मे राष्ट्र और राज्य को सबल बनाने से कोई रोक नहीं सकता ।
संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए मोर्चा के युवा शाखा के प्रदेश अध्यक्ष राहुल कुमार ने कहा कि आज आवश्यकता है हमें जात, धर्म एवं स्वार्थ की भावनाओं से उपर उठकर महाराणा प्रताप के कर्मो को अपना कर आपसी पे्रम, एकता, भाईचारा एवं देशभक्ति की सीख लेकर भारतीय राजनीति में अमिट छाप छोड़ने की ।
इस अवसर पर हृदय बिहारी सिंह, राम बिहारी सिंह, मनोज कुमार सिंह, बी0के0सिंहा, धर्मेन्द्र सिंह, श्रीमती अंजनी शर्मा, मनोज कुमार झा, सोनु सिंह, रंजीत कुमार, उदय सिंह, शिव शंकर झा, चन्द्रशेखर प्रसाद, सर्वेश कुमार सिंह, बम शंकरझा, विनय कुमार सिह, अतुल कुमार , आरति प्रभाकर पाडेय, ब्रज किशोर सिंह, रामु चन्द्रवशी, आदि ने भी महाराणा प्रताप को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उन्हें विश्व के महा मानव की संज्ञा दी।
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