अनुप नारयण सिंह
छपरा जिले के मशरख थाना अंर्तगत बरवाघाट में स्थापित ऐतिहासिक रामजानकी मंदिर के गुंबद पर गत मंगलवार को ठनका गिरने से गुंबद छतिग्रस्त हो गया
18वीं सदी में घोघारी नदी के तट पर बने इस ऐतिहासिक मंदिर के बारे में बहुत सारी जनश्रुतिया भी प्रचलित है. कार्तिक पूर्णिमा के दूसरे दिन यहां विशाल मेला लगता है।
ऐसी कहानी प्रचलित है कि वनवास के दौरान भगवान राम यहां आए थे और खुद से इस मंदिर का निर्माण किया था।
1983 से पहले इस मंदिर के गुंबज में सोने का त्रिशूल लगा हुआ था जिसे डकैतों ने काट लिया. उफनती नदी के मुहाने पर जब डकैत सीढ़ी लगाकर मंदिर के गुंबद से सोने का त्रिशूल काट रहे थे तब हजारों की संख्या में ग्रामीण चारों तरफ से डकैतो को घेरे हुए थे।
ऊफनती नदी की धारा का फायदा उठाकर डकैत भाग निकले. 2015 में स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग से इस मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ था. मंदिर के गुंबज पर गिरे ठनका को आसपास के इलाके के लोग दैवीय चमत्कार मान रहे हैं