भोजपुरी। गायकी में प्रयोगवाद के वाहक बने है-अजीत आनंद

भोजपुरी लोक गायकी के नई विधा को जन्म देने वाले ख्याति प्राप्त समकालीन गायक व नायक अजीत आनंद ने अपने नए एलबम उतर चल कनिया में …भोजपुरी शब्दों का इतना बढ़िया समायोजन किया है की सुनने वाला उनके मोहपास मे बंध जाता है। भोजपुरी के परंपरागत विवाह गीतों को अपनी खनकती आवाज से सजाया है अजीत आनंद ने। इस पूरे एल्बम को सुनने के बाद आपको लगेगा कि भोजपुरी जितने मीठी और हास परिहास की भाषा पूरी दुनिया में कोई नहीं। शब्दों में कहीं भी अश्लील और द्विअर्थी संवाद इस्तेमाल नहीं किया गया है। भोजपुरी के समकालीन गायकों में प्रयोगवाद और अपनी पुरातन परंपरा को प्रदूषण से सहेजने वाले अजीत आनंद मेरे सबसे पसंदीदा गायकों में शुमार है। नजदीकी का एक और कारण हम दोनों की जन्मस्थली है हम दोनों एक ही जिले छपरा से आते हैं हम उम्र है विचारधारा भी मेल खाती है। अजीत ठहरे हुए पानी में कंकर नहीं मारते। तरंग पैदा करते हैं दूसरे की कॉपी करने की अपेक्षा कुछ नया करने की हमेशा अकुलाहट इनमे होता है। हमेशा कुछ न कुछ नया करते रहते हैं मंच प्रस्तुति मे उनका कोई जवाब नहीं भोजपुरी के सबसे ज्यादा मंच पर मेहनत करने वाले गायक है। जो आपको सोहर झूमर से लेकर परंपरा विवाह गीत भक्ति गीत होली चईता ठेठ देसी अंदाज में गा देते है। मनोज तिवारी के बाद भोजपुरी के ऐसे गायक और नायक है जिनको मंच संचालन करने मे सिद्ध हस्तता प्राप्त है। आज उनके नए एलबम का वीडियो यूट्यूब पर जारी किया गया है इसे लाखों की तादाद में श्रोताओं और दर्शकों ने पसंद किया है।

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