बिहार प्रदेश राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के प्रवक्ता मोहन कुमार वर्मा, उपाध्यक्ष गोपाल शर्मा, महासचिव प्रवीण कुमार, सचिव विकास कुमार, पटना महानगर अध्यक्ष अजय कुमार गुड्डू, उमेश निषाद, युवा रालोसपा प्रवक्ता केतन कुमार, मीडिया प्रभारी अभय वर्मा, संगठन सचिव अशोक कुशवाहा, किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष राम शरण कुशवाहा, महेन्द्र प्रताप अध्विक्ता ने बयान जारी कर कहा है कि नरेश बैठा सहित मोतिहारी चीनी मिल के दो मजदूरों द्वारा आत्मदाह पर्यान्त मृत्यु की “दय-विदारक घटना यह साबित करती है कि नीतीश सरकार में कानून-व्यवस्था का जनाजा निकल चुका है।
बयान में कहा गया है कि भुखमरी की कगार पर पहुँचे मोतिहारी चीनी मिल के मजदूरों द्वारा 7 अप्रैल से बकाया वेतन-भुगतान हेतु आंदोलन चलाया जा रहा था। वेतन-भुगतान नहीं होने की स्थिति में स्थानीय प्रशासन को आत्मदाह करने की पूर्व सूचना मिल-मजदूरों द्वारा दी गई थी। इसके बावजूद आत्मदाह की लोमहर्षक घटना को प्रशासन रोकने में विपफल रही। इसका सीध अर्थ यह है कि किसान-मजदूर के वोट पर टिकी नीतीश सरकार को किसानों-मजदूरों की समस्या से कुछ लेना-देना नहीं है तथा उनकी अहमियत येन-केन-प्रकारेण उनसे वोट लेने तक है।
इन नेताओं ने बिहार सरकार से दिवंगत मजदूरों के आश्रितों को सरकारी नौकरी तथा पूर्ण वेतन भुगतान सहित 20-20 लाख रूपये मुआवजा देने की मांग की है।
भुखमरी की कगार पर पहुँचे मोतिहारी चीनी मिल के मजदूर – मोहन कुमार वर्मा
