भाजपा और शिवसेना की लम्बी दोस्ती में दरार

मुदित

मुम्बई । राज्यों में होने वाले विधान सभा चुनाव को लेकर राजनितिक उलटफेर का खेल

22-amit-shah-uddhav-thackerayजारी है। लम्बी खींचतान के बाद गुरूवार को महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना के बीच 25 साल पुराना गठबंधन टूट गया। विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर करीब एक हफ्ते तक चली खींचतान के बाद आखिरकार भाजपा ने गुरुवार शाम करीब सात बजे शिवसेना से गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर दिया।

भाजपा नेता देवेंद्र फडणबीस कहा कि वे छोटे दलों के साथ चुनाव में उतरेंगे। मगर चुनाव प्रचार के दौरान शिवसेना के खिलाफ कुछ नहीं बोलेंगे। फडणबीस ने संवाददाताओं को बताया कि शिवसेना से कई दौर की बातचीत हुई, लेकिन हर बार उसने अव्यावहारिक प्रस्ताव दिए। गठबंधन कायम रखने के लिए जिस बड़े दिल की जरूरत थी, शिवसेना ने वह नहीं दिखाया।
बतातेे चले कि शिवसेना और भाजपा की दोस्ती टूटने के पीछे सबसे बड़ी वजह मुख्यमंत्री पद को बताया जा रहा है। शिवसेना किसी भी सूरत में मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ना चाहती है। जबकि भाजपा कम सीटें लेने पर तो एक बार राजी हो गई थी, परन्तु मुख्यमंत्री पद देने के लिए तैयार नहीं हुई।

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