भाजपा अपने संकल्प पत्र का नाम जुमलेबाजी पत्र रखें तो बेहतर होता- एजाज़ अहमद

पटना 8 अप्रैल 2019:-जन अधिकार पार्टी लोकतांत्रिक राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एजाज़ अहमद ने अपने वक्तव्य में कहा कि भाजपा के घोषणा पत्र में ना तो युवाओं के रोजगार के लिए और ना ही छात्रों के बेहतर शिक्षा के लिए कोई संकल्प दिख रहा है देश में सांप्रदायिक उन्माद को बनाए रखने का संकल्प लेकर भाजपा देश की एकता को खतरे में जरूर डालने का कार्य करेगी। नौजवानों ,किसानों ,छात्रो महिलाओ और गरीबों के लिए उन्माद की चासनी देकर भाजपा इनके साथ छल कर रही है । और कहीं ना कहीं मुल्क को कमजोर करने वाली बातों को बढ़ावा देकर देश की एकता और अखंडता को खतरे में डालना चाहती है ,जबकि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या में राम मंदिर -बाबरी मस्जिद मुद्दे को हल करने के लिए जब 3 सदस्यीय कमेटी गठित कर दिया है तब राम मंदिर का संकल्प कोरी बकवास के सिवा कुछ नहीं है। इतना ही नहीं यह सभी को पता है कि धारा 370 35a की बातें करके भाजपा कहीं ना कहीं सिर्फ वोट बैंक की राजनीति कर रही है। भाजपा को अपने घोषणापत्र का नाम संकल्प पत्र के जगह अगर जुमलेबाजी पत्र रखते तो बेहतर रहता। श्री अहमद ने आगे राजद के द्वारा जारी प्रतिबद्ध पत्र मे ताडी और आरक्षण की बात को सिर्फ जातिवाद की राजनीति को बढ़ावा देने देने वाला बताया और कहा कि जिस प्रकार से पूरे देश में भाजपा उन्माद की राजनीति को बढ़ावा देकर वोट हासिल करना चाहती है उसी तरह से राजद जातिवाद को बढ़ावा देकर वोट लेना चाहती है ना तो भाजपा को विकास से मतलब है और ना ही राजद को यह दोनों शक्तियां मिलकर अपने अपने वोट बैंक को सुरक्षित करने के लिए गरीबों नौजवानों किसानों महिलाओं और आम जनों के हितों के साथ खिलवाड़ कर रही है । दोनों का संकल्प ,प्रतिबद्ध सिर्फ धार्मिक और जातिवाद पर आधारित है जो किसी भी दृष्टिकोण से ना तो देश हित में है और ना ही राज्यहित मे जनता ऐसे तत्वों को नकार कर विकास परक नीति अपनाने वाली पार्टी को अपना वोट दें और जो सेवा भाव से जनहित में कार्य करता है उसको ही अंगीकार करें तभी जाकर के देश और राज्य में विकास की धारा बन सकेगी और ऐसे उन्मादी और जातिवादी राजनीति को समाप्त किया जा सकता है।

भाजपा और राजद का संकल्प प्रतिबद्ध पत्र एक दूसरे से मिलकर मनाया गया लगता है :-रजनीश तिवारी

वहीं दूसरी ओर युवा परिषद के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश तिवारी ने कहा कि 2014 में युवाओं और छात्रों को ठगने वाली सरकार ने 2019 के चुनाव में लॉलीपॉप के सहारे युवाओं को सुनहरे सपने दिखा रही है लेकिन इनका यह सपना वोट के रूप में अब तब्दील नहीं हो सकता क्योंकि युवा और छात्र यह समझ गए हैं कि ठगने के अलावा इनको कुछ आता नहीं है अगर भाजपा अपने संकल्प में धार्मिक बातें नहीं रखें तो इनकी पहचान ही समाप्त हो जाएगी इसलिए भाजपा धार्मिक बातों के सहारे ही वोट की राजनीति करती रही है दूसरी और राजद के प्रतिबद्ध पत्र में गरीबों और किसानों के लिए कुछ नहीं है और ना ही छात्र नौजवान के लिए ऐसा लगता है कि भाजपा और राजद एक दूसरे से मिल कर ही अपना अपना घोषणापत्र तैयार किया है ।

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